१९४- आत्माराम PS सहजौरा, रेहरा बाजार, बलरामपुर
⭐️🏅अनमोल रत्न🏅⭐️
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से एक ऐसे अनमोल रत्न शिक्षक साथी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को जनपद के श्रेष्ठ विद्यालयों में से एक विद्यालय बना दिया है।
आज जहाँ हमारे अनेकों शिक्षक साथी स्वयं शिक्षकों का उपहास उड़ा कर सिर्फ व्यवस्था को दोष देकर अव्यवस्था के अंग बनने में अपना गौरव समझते हैं तथा शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए किसी फरिश्ते के इंतजार में रोते रहते है कि हम क्या करें??? हमारे यहाँ अभिभावक सहयोग ही नही करते है। वही आदरणीय आत्माराम जी जैसे अनमोल रत्न शिक्षक साथी भी हैं जो समाज और शासन आदि को अपनी उपस्थिति का अहसास भी करा देते हैं। परिणाम स्वरूप विद्यालय में एक सत्र में 158 छात्रों का नामांकन कर छात्र संख्या को दोगुना करते हुए बड़े-बड़े शिक्षा शास्त्रियों को एवं शासन और सरकार के प्रबंधन तंत्र को अपनी नीतियों की समीक्षा करने के लिए आईना दिखा दिया। कि शिक्षा के उत्थान में वास्तविक समस्या कहाँ पर है? जो हम सबके लिए भी अनुकरणीय है।
आइये देखते हैं कि किस तरह आपसी सहयोग और सामंजस्य के साथ अपने कर्तव्य के प्रति सजगता से बेसिक शिक्षा जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों को भी अनुकूल और आकर्षक बनाया जा सकता है।
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2025396897737897&id=1598220847122173
मैं आत्माराम प्रा०वि० सहजौरा, शि०क्षे० रेहरा
बाजार, जनपद-बलरामपुर में इ०प्र०अ० के पद पर कार्यरत हूँ। उक्त विद्यालय में मेरी नियुक्ति 14 नवम्बर 2015 को स०अ० के पद पर हुई थी।इसके पूर्व से ही कार्यरत दो महिला शिक्षक मेहनत व लगन से कार्य कर रही थी। विद्यालय का प्रभार उ०प्रा०वि० सहजौरा के सहायक अध्यापक के पास था। विद्यालय का परिसर विस्तृत था। परंतु विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। कक्षा- कक्ष की आंतरिक दीवारों से प्लास्टर टूटा हुआ था। विद्यालय में शौचालय नही था बड़ी-बड़ी छात्राएँ भी प्रसाधन हेतु बाहर जाने को मजबूर थी। पेयजल की छात्रों की संख्या के सापेक्ष समुचित ब्यवस्था नही थी।महिला होने के कारण शिक्षिकाएं अभिभावकों के घर जाकर छात्र उपस्थिति के प्रति जागरूक नही कर पाती थी। कक्षा-कक्ष में छात्रों की लिखित व बनाई हुई गतिविधियों को प्रदर्शित करने हेतु डिस्प्ले बोर्ड नही था।
संयोग से मुझे मई 2016 में तत्कालीन BEO महोदय के आदेशानुसार विद्यालय का प्रभार दिया गया। मेरे प्रभार लेने से पूरा स्टाफ बहुत खुश हुआ। सभी ने मिल कर मेहनत व लगन से विद्यालय की दशा दिशा बदलने का संकल्प लिया। सबका साथ मिलने के बाद मैंने सबसे पहले बिना किसी विभागीय सहयोग के 70 हजार रूपये खर्च करके बालक, बालिका व स्टाफ के लिए अलग-अलग तीन शौचालय का निर्माण करवाया। कक्षा-कक्ष की आंतरिक दीवारों को खुद के खर्च से प्लास्टर करवाया।विद्यालय को आकर्षक बनाने के लिए अनेकों कार्य किये गए। गेट पर रंगीन झंडे लगवाये गए।पेयजल हेतु पानी टंकी से संबद्ध 10 टोटियां खुद से ही लगवाया। प्रत्येक कक्षा-कक्ष में डिस्प्ले बोर्ड लगवाया। मैं प्रत्येक अभिभावक के घर जाकर जागरूक करता हूँ जिससे छात्र उपस्थिति अच्छी रहने लगी व लगभग 80 प्रतिशत से कम कभी नही होती। सभी छात्रों के अभिभावकों का मोबाइल नंबर एक पंजिका में दर्ज किया यदि कोई छात्र बिना सूचना के लगातार दो दिन अनुपस्थित रहता है तो सम्बन्धित कक्षाध्यापक अभिभावक को फोन करता है। इससे उपस्थिति बहुत अच्छी रहती है। इस बीच विद्यालय में एक अन्य स०अ० मो0 अफ़ज़ल जी की नियुक्ति हुई।उनका भरपूर सहयोग मिलता है। वह बहुत मेहनती हैं। सबने मिलकर खूब मेहनत करके विद्यालय में क्रांन्तिकारी परिवर्तन ला दिया। विद्यालय की मॉर्निंग एसेम्बली कॉन्वेंट विद्यालय की तरह होने लगी। प्रत्येक दिन अनेकों गतिविधि हिंदी व अंग्रेजी में होने लगी। असेंबली हेतु विद्यालय में माइक सिस्टम की व्यवस्था स्टाफ द्वारा की गयी। मैंने प्रत्येक वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु छात्रों को प्रशिक्षित करना शुरू किया। विद्यालय में एडमिशन की होड़ लग गयी।सत्र 2017-18 में आश्चर्यजनक रूप से 158 एडमिशन हुए। वर्तमान छात्र संख्या 348 हो गयी है। सरकारी कर्मचारियों के बच्चे भी हमारे विद्यालय में पढ़ने लगे। शैक्षिक गुणवत्ता इतनी अच्छी हो गयी कि जब भी कोई निरीक्षण को आता है तो स्टाफ की तारीफ करता है। सभी अभिभावक भी अब सहयोग देते है। विद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है तथा अधिकारी जनों से प्रसंसा प्राप्त कर रहा है। मेरे द्वारा इस सत्र से नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के प्रतियोगियों को रोज शाम 3 बजे से 5 बजे तक निःशुल्क ट्यूशन पढ़ाया जाता है। बच्चे बहुत प्रवीण हो गए हैं निश्चय ही सफल होंगे। विद्यालय को श्रेष्ठ बनाने में पूरे स्टाफ ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया है।
बहुत-बहुत धन्यवाद⭐️
मित्रों अपने देखा कि शायद ही कोई ऐसा कार्य था जिसे शिक्षक आपसी सहयोग से न कर सकें। जिससे शिक्षक समाज पर लगने वाला नकारात्मकता के कलंक को न मिटाया जा सके। बस जरूरत है हम सबको उस पथ की ओर चलने की जहाँ से शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान का रास्ता तय होता है।
आदरणीय आत्माराम जी एवं उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को मिशन शिक्षण संवाद की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं!
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
निवेदन:- मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।
धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
05/02/2018
मिशन शिक्षण संवाद के फेसबुक पेज, समूह, ब्लॉग, ट्विटर एवं यू-ट्यूब पर ऐसे ही अनेकानेक प्रेरक प्रयास देखने, पढ़ने और कमेंट के रूप में अपने विचार लिखने के लिए क्लिक करें-
👉1-फेसबुक पेज:-
@ https://www.facebook.com/shikshansamvad
👉2- फेसबुक समूह:-
@ https://www.facebook.com/groups/118010865464649/
👉3- मिशन शिक्षण संवाद ब्लॉग
@ http://shikshansamvad.blogspot.in/
👉4- ट्विटर
@ https://twitter.com/shikshansamvad
👉5- यू-ट्यूब
https://www.youtube.com/channel/UCPbbM1f9CQuxLymELvGgPig
Comments
Post a Comment