जय शिव शंकर भोलेनाथ
डम डम डमरू कर निनाद
जय शिव शंकर भोलेनाथ
जटा से निकले गंग-धार
हर हर काशी विश्वनाथ
व्याघ्र-चर्म पर रहे विराज
चिर-तापस हे योगिराज
शीश प्रकाशित चन्द्र-हास
कर त्रिशूल नन्दी-सवार
कण्ठ सोहती सर्प-माल
नयन तीसरा शोभित भाल
गिरिजा तप कर हुईं सनाथ
अद्भुत शोभा गौरीनाथ
देव रहें जिनके प्रपन्न
आशुतोष जल्दी प्रसन्न
कालकूट का किया पान
नीलकण्ठ हे दयानिधान
श्मशान-विहारी भस्म-गात
मृत्युंजय हे भूतनाथ
भैरों काशी कोतवाल
कालकाल हे महाकाल
प्रलयकाल करते संहार
ताण्डव-नर्तक हे नटराज
ध्यानमग्न कैलास-शिखर
वैरागी हे योगेश्वर
आदियोगी हे जगदाधार
सकल विश्व के तारणहार
महादेव हे कृपानिधान
शिव शिव सबका हो कल्याण
रचनाकार
प्रशान्त अग्रवाल
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय डहिया
विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी
ज़िला बरेली (उ.प्र.)
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