विनती मेरी प्रभु जी सुन लो
विनती मेरी प्रभु जी सुन लो ।,,,,,2
अपने ज्ञान की दिव्य ज्योति से,
मेरे उर को जगमग कर दो ।
विनती मेरी, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,2
मैं बेसिक का द्रोणाचार्य प्रभु,
गाँव में अर्जुन बना रहा हूँ ।
विषम परिस्थितियों से घिरा हुआ भी,
बच्चों को खूब पढ़ा रहा हूँ ।
बना सकूँ उन्हें अच्छा नागरिक,
मुझमें मनोहर गुण भर दो ।
विनती मेरी, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,2
शिक्षा समिति की बैठक लेकर,
और सभी को मैं समझाऊँ ।
मनोकामना है यह मेरी,
शतप्रतिशत नामांकन करवाऊँ।
सर्व शिक्षा अभियान को,
सफल बनाने का शुभ वर दो ।
विनती मेरी, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,2
रचयिता
अपने ज्ञान की दिव्य ज्योति से,
मेरे उर को जगमग कर दो ।
विनती मेरी, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,2
मैं बेसिक का द्रोणाचार्य प्रभु,
गाँव में अर्जुन बना रहा हूँ ।
विषम परिस्थितियों से घिरा हुआ भी,
बच्चों को खूब पढ़ा रहा हूँ ।
बना सकूँ उन्हें अच्छा नागरिक,
मुझमें मनोहर गुण भर दो ।
विनती मेरी, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,2
शिक्षा समिति की बैठक लेकर,
और सभी को मैं समझाऊँ ।
मनोकामना है यह मेरी,
शतप्रतिशत नामांकन करवाऊँ।
सर्व शिक्षा अभियान को,
सफल बनाने का शुभ वर दो ।
विनती मेरी, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,2
रचयिता
मनोहर लाल गौतम,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कनिगवाॅ,
विकास खंड -बीसलपुर,
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