१९८- धर्मराज यादव AT UPS चकबनवारी, सुरियावां, भदोही

⭐️🏅अनमोल रत्न🏅⭐️
“एक शिक्षक जो बन गया, शिक्षा का मसीहा”👏👏

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- भदोही से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न शिक्षक भाईग धर्मराज यादव जी से करा रहे हैं। जिनके प्रेरक प्रयासों और सकारात्मक सोच से विद्यालय प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों का सुपर केंद्र बन गया है।

आप के जीवन दर्शन पर कविता की ये लाइनें बहुत ही सटीक बैठती है.......

“परिंदो को मिलेगी मंज़िल एक दिन
ये फैले हुए उनके पर बोलते है।
और वही लोग रहते है खामोश अक्सर
ज़माने में जिनके हुनर बोलते है।”

आपके जीवन की यही आकाश जैसी विशालता है और समुद्र जैसी गहराई है। कि आज बेसिक शिक्षा को सही अर्थों में शिखरता प्रदान करने के बाद भी कभी स्व की श्रेष्ठता के लिए प्रदर्शन को महत्व नहीं दिया। यह हम जैसे उन तमाम शिक्षक साथियों के लिए प्रेरक संदेश और मार्गदर्शन है जो हर छोटी से छोटी अर्थहीन फोटो को भी सबसे आगे रखने की बनावटी कोशिश एवं कुटिल प्रयास करने से भी नहीं चूकते हैं।

आपने अपनी सकारात्मक सोच के साथ शिक्षा कों सफलता से जोड़ते हुए समाज को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने में सफलता प्राप्त की है। आपकी कार्य कुशलता बच्चों, समाज और शिक्षकों के लिए अनुकरणीय है क्योंकि शिक्षक केवल सरकारी सेवक ही नहीं होता है, शिक्षक एक जीवन चरित्र होता है जो समाज के भविष्य को संपादित करता है। जिस देश में शिक्षक अनुकरणीय चरित्र के और शिक्षा के प्रति समर्पित होते है वह देश भी विश्व के लिए अनुकरणीय होता है।

मिशन शिक्षण संवाद की ओर से ऐसे अनुकरणीय शिक्षक चरित्र को हार्दिक 🙏🏼नमन करते हैं।
आइये जानते हैं शिक्षक से शिक्षा मसीहा बने अनमोल रत्न के जीवन दर्शन को:-


मेरा नाम धर्मराज यादव (स०अ०) पूर्व माध्यमिक विद्यालय चकबनवारी, सुरियावाँ, भदोही।

👉हमारी प्रथम नियुक्ति सन्- 2001 में प्राथमिक विद्यालय🏡 अभियाँ, सुरियावांं, भदोही में हुई जहाँ छात्र 👫 संख्या 900 थी। उस समय विद्यालय के पास ही एक नर्सरी स्कूल 💒चल रही थी, पर हम नए अध्यापकों ने मेहनत शुरू की जिससे वह स्कूल बंद हो गया और हमारे विद्यालय की छात्र संख्या 1200 हो गयी। सन् 2005 में मेरी पदोन्नति पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हुई। 2006 में मेरा स्थानान्तरण वर्तमान विद्यालय 🏡 में हुआ यहाँ मेरे द्वारा एक नया कार्य अचानक से शुरू किया गया। जिसके अंतर्गत हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक जी brc से कुछ ntse के फॉर्म लाये जिसे बच्चों से भरवाना था। 8 बच्चों का फॉर्म मैने खुद भरा और जमा करने जनपदीय नोडल gic ज्ञानपुर में जमा करने गया। जहां मुझे बताया गया कि आपका फॉर्म अधूरा है और इन्होंने मुझे नया फॉर्म दिया जिसे भरकर मैंने जमा करवाया। फॉर्म भरवाने के बाद मैंने ntse की तैयारी विद्यालय के समय के बाद अलग से 2 घण्टे करानी शुरू की। पहली बार में 2 बच्चों ने सफलता प्राप्त की। इसके बाद से सफलता का दौर शुरु हो गया और 2012 में सफलता का आलम यह रहा कि जनपद में कुल 14 बच्चे सफल हुए जिसमे 12 अकेले मेरे विद्यालय के थे। ntse के मंडलीय संयोजक द्वारा मेरी प्रशंसा की गयी व अब फॉर्म मुझे अलग से उपलब्ध कराया जाता है।
इसके बाद 2015 में मेरा चयन सह समन्वयक विज्ञान हेतु हो गया। पर मैं नही गया।

वर्षवार सफल बच्चो👫 की संख्या इस प्रकार है--
👉2008-- (कुल2) 👨‍💼जितेंद्र कुमार मौर्य (लखनऊ से डिप्लोमा 🎓के बाद बीटेक),👨‍💼शिवकरन यादव।
👉2009-- (कुल 2 )👩‍💼 प्रियंका यादव(वर्तमान में Bams कर रही है), पूजा यादव।
👉2010-- (कुल 12) 👩‍💼कुमारी पिंकी,km पूजा,रागिनी मौर्य,वर्षा यादव, सरजू,स्वाति मौर्य(वर्तमान में IERT में अध्ययनरत), आशीष कुमार, शिवम यादव, हृषिकेश सरोज, अशोक कुमार, ऋषभ मौर्य(iert में अध्ययनरत)
👉2011-- (कुल 2)आनंद यादव, सरजू गौतम।
👉2012-- (कुल 3) 👨‍💼शिवकृष्ण यादव, राजकमल यादव, सुनील यादव।
👉2013-- ( कुल 1) 👩‍💼सरिता यादव।
👉2014--( कुल 1) अभिषेक मौर्य।
👉2015-- (कुल 6) 👩‍💼शालिनी मौर्य, अवनीश यादव, अमन कुमार मौर्य, रोहित कुमार यादव, रवीना, श्वेता।
👉2016-- (कुल 5) नीरज यादव, विकास, प्रीति, नीतिका, सुनैना।
👉2017--(कुल 5) 👨‍💼नीरज यादव, अश्विनी यादव, कोमल यादव, प्रियांशु गुप्ता, कोमल मौर्य।

मैंने अपने पुत्र का नामांकन व शिक्षण इसी विद्यालय में कराया पर तब मेरे विद्यालय में NTSE का फॉर्म भरने की जानकारी नही थी अतः वो उस परीक्षा में शामिल नही हो सका।
Ntse परीक्षा की तैयारी के लिए अलग से रिजनिंग की बुक, मॉडल पेपर के लिए 1 NTSE परीक्षा गाइड व विज्ञान सामाजिक विषय के लिए 6 से 8 तक कि इतिहास व भूगोल की किताब से 1 लाइन वाले सभी परीक्षोपयोगी तथ्यों का नोट बनाया गया है। इसी तरह विज्ञान समझाने के अलावा बिंदुवार नोट्स भी बनाये जाते है। साथ ही गणित पर विशेष जोर दिया जाता है।

हमारे विद्यालय से निकले काफी बच्चे पॉलिटेक्निक व बीटेक में सफल होते है। गांव के गरीब लोगों के बच्चों को मेरे प्रयास से कोई सफलता मिलती है तो गांव वालों की खुशी देखकर सुखद अनुभूति होती है। अभी हाल में ही बीटेक में हमारे यहां से पढ़ा एक बच्चा 100 वाँ व एक 125 वाँ स्थान प्राप्त किया। जब ये बच्चे अपनी सफलता का श्रेय हमें देते है तो लगता है जैसे मेरा शिक्षण सफल हो गया व शायद ही कोई सरकारी कर्मचारी मुझसे ज्यादा भाग्यशाली होगा। गाँव वाले गरीब बच्चों का मसीहा कहते हैं क्योंकि जो गरीब प्रतिभाशाली बच्चे महँगे कोचिंग संस्थानों में पढ़ नही सकते, उनको निःशुल्क पढ़ाते है।

इसी क्रम में 26-जनवरी को जिलाधिकारी भदोही द्वारा उनके विद्यालय को स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार द्वारा दिया गया।

मिशन शिक्षण संवाद टीम भदोही ने 5 सितम्बर को शिक्षक प्रतिभा सम्मान में सम्मानित किया।

✍साभार🙏
धर्मराज यादव (स०अ०) पू०मा०वि० चकबनवारी सुरियावां भदोही








🙏🏼मित्रों आपने देखा कि शिक्षक का समर्पित चरित्र ही समाज को नई दिशा दे सकता है। ऐसे समाज निर्माता 👨🏻‍🏫आदरणीय धर्मराज जी को 📝मिशन शिक्षण संवाद की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं!

अंत में बेसिक शिक्षा 📚के लिए-.....

ज़िंदगी कि असली उड़ान बाकी है।
जिंदगी के कई इम्तेहान अभी बाकी है।

अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीन हमने।
अभी तो सारा आसमान बाकी है।

👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--

👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।

👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें।

☀ आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थानक दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।

उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।

साभार: 🗣शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ

🙏🏼निवेदन:- 📝मिशन शिक्षण संवाद की समस्त गतिविधियाँ निःशुल्क, स्वैच्छिक एवं स्वयंसेवी हैं। जहाँ हम आप सब मिलकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए यदि कहीं कोई लोभ- लालच या पद प्रतिष्ठा की बात कर, अपना व्यापारिक हित साधने की कोशिश कर रहा हो, तो उससे सावधान रह कर टीम 📝मिशन शिक्षण संवाद को मिशन के 📱नम्बर-9458278429 पर अवश्य अवगत करा कर सहयोग करें।

धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
09/02/2018

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