२०३~ नीलम गुप्ता ( HT) UPS छलेरा, बिसरख, गौतमबुद्धनगर
💎🏅अनमोल रत्न 🏅💎
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न की अगली कड़ी में जनपद गौतम बुद्ध नगर से एक ऐसी अध्यापिका बहन श्रीमती नीलम गुप्ता जी का नाम और उनके कार्यों को आप सभी के सामने ला रहे हैं जिनकी मेहनत की सराहना अगर शब्दों में बयान की जाए तो शायद शब्द भी कम पड़ेंगे| जिनकी सकारात्मक सोच, व्यवहार कुशलता, और अथक प्रयासों से बेसिक शिक्षा की उन तमाम अव्यवस्थाओं के बीच में रहकर उच्च प्राथमिक विद्यालय छलेरा की दशा और दिशा ही बदल गयी है| श्रीमती नीलम गुप्ता जी के छोटे-छोटे प्रयासों की निरंतरता ने अपने जनपद गौतमबुद्ध नगर के विद्यालयों के बीच शैक्षिक गतिविधियों एवं ब्लॉक तथा जनपद स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपने स्कूल को मुख्य श्रेणी में लाकर खडा कर दिया, जो शिक्षा का उत्थान और शिक्षक के सम्मान की चाह रखने वाले हम जैसे हजारों शिक्षकों के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है|
श्रीमती नीलम गुप्ता जी द्वारा किये गए प्रेरक और प्रशंसनीय कार्यों को जानने से पहले आइए जानते हैं उनका परिचय उन्ही की जुबानी-
👉1-परिचय- मैं नीलम गुप्ता, प्र0अ० उच्च प्राथमिक विद्यालय छलेरा, ब्लॉक बिसरख में सन 2003 से कार्यरत हूँ| मेरी प्रथम नियुक्ति जनपद मैनपुरी के बेवर ब्लॉक में सन 1988 में हुई थी, सन 2003 में मैंने जनपद मैनपुरी से स्थानांतरित होकर जनपद गौतमबुद्धनगर में कार्यभार ग्रहण किया| जनपद मैनपुरी में मेरा 15 साल तक का सफ़र कब आरम्भ हुआ कब ख़त्म हुआ, पता ही नही चला| सन 2003 में स्थानान्तरण के बाद गौतमबुद्ध नगर में आकर ब्लॉक बिसरख में मुझे उच्च प्राथमिक विद्यालय छलेरा में सहायक अध्यापिका के रूप में कार्य संभालने की जिम्मेदारी मिली| सन 2010 में मुझे इंचार्ज अध्यापिका के रूप में कार्य करने एक अवसर मिला|
👉2- मेरा मुख्य विषय विज्ञान को पढ़ाने के साथ साथ मेरी रूचि बच्चों को अन्य कार्य जैसे सिलाई-कढाई, TLM चार्ट बनाना, मॉडल बनाना, PT कराना, वाद-विवाद प्रतियोगिता कराना, मीना मंच एवं विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम जैसे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, नशा उन्मूलन, यातायात नियमो का पालन आदि के बारे में बच्चों को भी प्रेरित करने में भी रही है |
👉3- जनपद मैनपुरी के एक अच्छे विद्यालय से छलेरा जैसे अव्यवस्थित विद्यालय में आकर मन प्रसन्न नही था, संसाधनो का अभाव था, मगर फिर भी मैंने अपने स्तर से प्रयास करते हुए इस व्यवस्था को बदलने की मन में ठान ली|
🌷कार्य, कोशिश और परिवर्तन🌷
👉1- सर्वप्रथम विद्यालय के बीच से आम रास्ता ग्राम प्रधान के सहयोग से बंद कराया जहां से हर समय गाँव के लोगो की गैर कानूनी रूप से आवाजाही बनी रहती थी | जिससे स्कूल में किसी के भी अनावश्यक रूप से घुस आने का भय बना रहता था |
👉2- विद्यालय के प्रांगण में बरसात का पानी भरा जाता था जिसको ग्राम प्रधान के सहयोग से भराव डालकर ईंट बिछवाकर सही करवाया गया|
👉3- बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त टाट-पट्टी नही था, स्टाफ के आपसी सहयोग से उक्त की व्यवस्था कराई गयी|
👉4- विद्यालय में एक लैंडलाइन फ़ोन की व्यवस्था की गयी है ताकि स्कूल समय में अभिभावकों से संपर्क करने हेतु एक ही नंबर का प्रयोग किया जा सके और किसी भी स्थिति में अभिभावकों द्वारा सीधे स्कूल में संपर्क किया जा सके|
👉5- विद्यालय में वाई-फाई की भी व्यवस्था स्वयं के स्तर से की गयी है जिससे कंप्यूटर लैब में बच्चों को शैक्षिक कार्यक्रम दिखाए जा सकें |
👉6- विद्यालय हेतु एक प्रिंटर भी स्वयं के प्रयासों से व्यवस्था की गयी है ताकि बच्चों को मासिक टेस्ट लेने हेतु प्रिंटेड प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जा सके|
👉7- विद्यालय में एक टेलीविजन लगाया गया है तथा टाटा स्काई का कनेक्शन लिया गया है ताकि समय-समय पर टीवी पर आने वाले शैक्षिक कार्यक्रम एवं माननीय प्रधानमंत्री जी का संबोधन बच्चों को लाइव दिखाया जा सके|
👉8- अपने निजी खर्चे पर एवं निजी प्रयासों से विद्यालय में पार्क बनवाया, घास लगवाई एवं सिंचाई हेतु सबमर्सिबल लगवाया|
👉9- बच्चों को प्रार्थना एवं PT कराने हेतु लेजियम, डम्बल, ड्रम, हारमोनियम, माइक एवं म्यूजिक सिस्टम आदि की व्यवस्था स्वयं के स्तर से की गयी है|
👉10- बच्चों द्वारा बनाये गए TLM एवं मॉडल्स आदि रखने के लिए एक कमरे में एक बड़ी अलमारी बनवाई गयी जिसका समस्त खर्चा मैंने स्वयं ही उठाया है|
👉11- सभी कक्षा-कक्षों में खिडकियों में जाली लगवाई गयी ताकि बाहर से बिल्ली, मच्छर, मक्खी आदि न घुस सकें| तथा सभी कमरों में परदे लगवाए गए|
👉12- विद्यालय का बिजली बकाया बिल 90 हजार से अधिक हो जाने के कारण विद्युत् विभाग द्वारा बिजली आपूर्ति रोक दी गयी, जिसको चालू कराने के लिए प्रति वर्ष एक हजार रूपये की रसीद मेरे स्तर से कटवाकर विद्युत् आपूर्ति चालू कराई जा रही है|
👉13- बार बार प्रयास करने पर नॉएडा अथॉरिटी से सम्पर्क के बाद विद्यालय में शौचालय का निर्माण कराया गया जिसमें पानी की व्यवस्था मेरे द्वारा की गयी है|
👉14- लड़कियों को सिलाई-कढाई सिखाने हेतु मेरे द्वारा 2 सिलाई मशीने 2010 में अपने खर्चे पर खरीदी गयीं एवं अभी हाल में ही मेडिको कंपनी द्वारा 2 सिलाई मशीने विद्यालय को सहयोग स्वरुप प्राप्त हुईं|
👉15- विद्यालय स्टाफ के लिए बैठने हेतु समुदाय के सहयोग से कुर्सी मेज आदि की व्यवस्था की गयी| अब विद्यालय स्टाफ के बैठने हेतु पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध रहता है|
👉16- लगभग 260 किताबों से सुसज्जित पुस्तकालय विद्यालय में मौजूद है|
👉17- पावन फाउंडेशन से संपर्क करने पर उनके द्वारा विद्यालय को 3 कंप्यूटर दान किये गए हैं तथा 2 कंप्यूटर पहले से उपलब्ध हैं, अतः अब विद्यालय में कुल 5 कंप्यूटर से सुसज्जित लैब मौजूद है जहां बच्चे कंप्यूटर शिक्षा हासिल करते हैं|
👉18- बच्चों के जमीन पर बैठने की परेशानी होने पर जैक्वार कंपनी द्वारा बच्चों के बैठने हेतु फर्नीचर दिया गया|
⭐छात्र नामांकन एवं उपस्थति⭐
👉1- वर्ष 2010 में जब मुझे इंचार्ज प्रधानाध्यापिका के रूप में कार्य करने का अवसर मिला तब उस समय विद्यालय की छात्र संख्या 115 थी| नामांकन बढ़ाने के लिए घर-घर जाकर अभिभावकों से सम्पर्क किया जिसके फलस्वरूप सत्र 2010-11 में नामांकन संख्या 220 तक बढ़ी|
👉2-प्रतिवर्ष अप्रैल से लेकर सितम्बर तक प्रत्येक माह में दो बार विद्यालय के आसपास की झुग्गी-झोपड़ी एवं आसपास के सभी क्षेत्रों में स्थान बदल-बदलकर नामाकंन मेला लगाया जाता है जिससे प्रतिवर्ष नामांकन बढाने में आशातीत सफलता मिलती है|
👉3- दूर से आने वाले बच्चों एवं झुग्गी झोपडी में रहने वाले बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए शुरूआती दिनों में अध्यापिकाएं अपने वाहन से लेने जाती हैं, तथा जब बच्चों का मन स्कूल में लगने लगता है तब सभी बच्चे स्वयं स्कूल आने लगते हैं| इस तरह ड्राप आउट बच्चों को स्कूल से जोड़ने का सफल प्रयास किया जाता है|
👉4- विद्यालय के सभी अध्यापक/अध्यापिकाओं के पूरे सहयोग एवं अथक प्रयासों से वर्तमान सत्र -2017-18 में कुल नामांकन बढ़कर 401 छात्र-छात्राएं हो गया है|
👉5- उपस्थिति बढाने हेतु अभिभावकों से व्यक्तिगत संपर्क किया जाता है, लगातार अनुपस्थित होने वाले बच्चों के अभिभावकों से फ़ोन द्वारा संपर्क किया जाता है|
👉6- प्रत्येक माह अभिभावक-अध्यापक बैठक का आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चों की प्रोग्रेस रिपोर्ट उनसे साझा की जाती है|
👉7- महीने में सर्वाधिक उपस्थिति वाले बच्चों को प्रतिमाह पुरस्कार प्रदान किया जाता है|
👉8- अर्द्धवार्षिक परीक्षा में प्रत्येक कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त बच्चे को कम्बल, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चे को मच्छरदानी, एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को लंच बॉक्स प्रदान किया गया|
👉9- उपर्युक्त प्रयासों के फलस्वरूप ही वर्तमान में विद्यालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति लगभग 95 % से ऊपर रहती है| जिस के लिए विद्यालय के समस्त स्टाफ का सहयोग एवं प्रयास सराहनीय हैं|
अन्य उपलब्धियां-🏅
👉1- खेलकूद प्रतियोगिताओं जैस कबड्डी, खो-खो, दौड़ आदि में बच्चों ने जनपद स्तर तक विद्यालय का नाम रोशन किया है|
👉2- 5 सितम्बर 2017 को शिक्षक दिवस के अवसर पर नामांकन एवं शैक्षिक गुणवत्ता हेतु पुरस्कार के लिए नामांकन हुआ|
👉3- श्री चित्रगुप्त नारायण चेतना ट्रस्ट द्वारा सितम्बर 2015 में मेरे द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए मुझे सम्मानित किया गया|
मेरे वर्तमान विद्यालय में कार्य करने के साथ-साथ सन अगस्त 2015 में पदोन्नति स्वरुप मुझे उच्च प्राथमिक विद्यालय गिझौड़ में प्रधानाध्यापिका का पद मिला, जहाँ मैं 8 माह तक कार्यरत रही, बाद में मेरे निवेदन पर तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय ने मेरा विद्यालय बदलकर उच्च प्राथमिक विद्यालय छलेरा कर दिया| मेरे द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय गिझौड़ में किये गए कार्यों का विवरण इस प्रकार है ।
👉1- उच्च प्राथमिक विद्यालय गिझौड़ के बीच आम रास्ता था जिसको बंद कराने के लिए अपने स्तर से हर संभव प्रयास किया| अंतत रास्ता बंद करने में सफलता मिली और अनावश्यक आवाजाही समाप्त हुई|
👉2- छात्राओं और विद्यालय स्टाफ हेतु कोई शौचालय चालू हालत में नही था, मेरे द्वारा व्यक्तिगत रूप से चित्रगुप्त नारायण चेतना ट्रस्ट से संपर्क करके दो दिन में शौचालय की मरम्मत करवाकर चालू कराया गया|
👉3- विद्यालय में कुल 9 कमरे थे जिनमे से 6 कमरों में गाँव के लोगों अवैध कब्जा था| जिनको खाली कराने के लिए मैंने अकेले संघर्ष किया तथा अंततः उनको खाली कराने में सफलता पाई तथा उनमें कक्षाएँ संचालित कराईं|
👉4- जल विभाग से संपर्क करके एक हैंडपंप लगवाया|
👉5- सोपरा योगदान ट्रस्ट से संपर्क करके बच्चों के पानी पीने के लिए आर0 ओ0 लगवाया|
👉6- तीन कमरे बाहर की तरफ से खुले हुए थे जिनमें अराजक लोग घुस आते थे और गंदगी फैलाते थे, सोपरा योगदान ट्रस्ट से सम्पर्क करते हुए मैंने उनमे चैनल का गेट लगवाया|
👉7- डैल कंपनी से संपर्क करते हुए सभी बच्चों को नि:शुल्क स्वेटर वितरित कराये|
👉8-डैल कंपनी से चार कक्षा-कक्षों में पंखे लगवाए|
मित्रों ये हैं जनपद गौतम बुद्ध नगर से हमारी कर्मठ साथी बहन श्रीमती नीलम गुप्ता जी जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और मेहनत से उन पंक्तियों के अर्थ को प्रमाणित कर दिया, जिसमे हमारे श्रेष्ठजन कहते हैं कि कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती है| आज समाज में ऐसे बहुत से लोग देखने को मिलते हैं जो बहुत ही उच्च प्रतिष्ठा और सम्मान रखते हैं, लेकिन कुछ लोग उस प्रतिष्ठा और सम्मान का उपयोग सामाजिक उत्थान में भी करते हैं और कुछ लोग अपनी नकारात्मक सोच के साथ, केवल व्यक्तिगत हित और स्वार्थ के लिए करते हैं| वह सोचते हैं कि हमें क्या करना है ? हमारी नौकरी तो हो रही है, हमें वेतन मिल रहा है| यह काम तो सरकार का है वही करेगी| लेकिन हम सबके बीच बहन नीलम गुप्ता जी जैसे शिक्षक भाई/बहन भी हैं जो अपने विद्यालय को भी अपने जीवन की श्रेष्ठता में शामिल रखते हैं| जिसके उत्थान के लिए अपने घर और अपने परिवार के सामान सतत प्रयासरत रहते हैं| जिसका परिणाम होता है एक आदर्श, सुसज्जित, और प्रेरक विद्यालय| बहन नीलम गुप्ता जी इसी तरह पूरी लगन और मेहनत से अपने विद्यालय में कार्य करती रहें और उनका स्टाफ उनका सहयोग कर्ता रहे और वह हम सबके लिए प्रेरणा बनी रहें , ऐसी हमारी मनोकामना है।
संकलनकर्त्ता:
मिशन शिक्षण संवाद टीम,
नियाज़ मीर, इंचार्ज प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कचैहड़ा वारसाबाद-2
ब्लॉक-बिसरख, जनपद- गौतमबुद्धनगर
मो0-9582914687
👉 मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा के सम्मानित शिक्षक हैं या शिक्षा को मनुष्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना अपना कर्तव्य मानते है तो इस मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से शिक्षा के उत्थान एवं शिक्षक के सम्मान की रक्षा के लिए आपस में हाथ से हाथ मिला कर, मिशन शिक्षण संवाद के अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनकर, शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप सब अनमोल रत्न शिक्षक साथी हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सवेरा अवश्य आयेगा। इसलिए--
👫 आओ हम सब हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
👉🏼 नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक साथी प्रेरक कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों और गतिविधियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण, ऑडियो, वीडियो और फोटो भेजने का Whatsapp No.- 9458278429 एवं ईमेल- shikshansamvad@gmail.com है।
साभार: मिशन शिक्षण संवाद उ० प्र०
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धन्यवाद अनमोल रत्न शिक्षक साथियों🙏🙏🙏
विमल कुमार
कानपुर देहात
01/03/2018
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