ज्ञान ज्योति जला देना
प्रभु मेरे हृदय मन में,
ज्ञान ज्योति जला देना।
हमें पढ़ना सिखा देना,
हमें लिखना सिखा देना।
हम आएँ रोज विद्यालय,
सजाएँ ज्ञान का आलय,
लगाएँ ध्यान तेरा फिर,
मधुर सुरताल का ले लय,
नवाएं शीश श्रद्धा से,
दया मोती गिरा देना।।
प्रभु मेरे हृदय मन में,
ज्ञान ज्योति जला देना।
कभी अनुराग से पढ़ते,
विद्यालय में हम आकर के ,
लगा मन ध्यान से पढ़ते,
सीखें हम नित् सदा सद्गुण,
कृपा दृष्टि लगा देना।
प्रभु मेरे हृदय मन में,
ज्ञान ज्योति जला देना।
करें हम राष्ट्र की सेवा,
यही एक आस है देवा,
मिले ईमान से खाएँ,
कभी रूखा कभी मेवा,
लुटाएँ देश पर जीवन,
यही जज्बा जगा देना।
प्रभु मेरे हृदय मन में,
ज्ञान ज्योति जला देना।
हमें लिखना सिखा देना।।
रचयिता
प्रभात कुमार(पॉजिटिव),
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय महावां
विकास खण्ड-सरसवाँ
जनपद-कौशाम्बी।
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