आओ पढ़ना सीखें हम

कल के भविष्य नन्हें-मुन्हें,
आओ पढ़ना सीखें हम।
अक्षर को पहचानेंगे,
तभी आगे बढ़ पाएँगे।
सबसे पहले जिसे सुनो,
फिर उसे कहना सीखो।
तब उसे पढ़ना तुम सीखो,
सबसे बाद में लिखना सीखो।
यही बना पढ़ने का नियम,
जिसे सुबोपालि नाम से जानें हम।
पढ़ लिखकर तुम आगे पढ़ना ,
अपना नाम फिर रोशन करना।
माता पिता फिर गाँव का नाम,
रोशन करना हिन्द महान।

रचयिता
सुषमा पाण्डेय,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय -दुल्हूपुर मसोढा, 
विकास खण्ड-भियांव,
जनपद-अम्बेडकरनगर।

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