रंगों का त्यौहार मनाना है
रंगों का त्यौहार मनाना है।
रंगों सा घुल मिल जाना है।
ये देश हमारी शान है।
हम सबकी ये पहचान है।
नामों से हम अनेक हैं।
पर सच में हम सब एक हैं।
ये जात धर्म का भेद मिटाना है।
रंगों का त्यौहार मनाना है
बुराई से हमको लड़ना है।
तन-मन लगाकर पढ़ना है।
हो अमीर गरीब, कनिष्ठ या जेष्ठ
सब पढ़ लिखकर बन जाएँ श्रेष्ठ
बस होली त्यौहार बहाना है।
रंगों का त्यौहार मनाना है।
तन रंग जाए मन रंग जाए।
होली से हर जन रंग जाए।
कुछ ऐसी हो अपनी होली।
चारों ओर हो प्रेम की बोली।
छोड़कर नफ़रत प्यार फैलाना है।
रंगों का त्यौहार मनाना है।
रचयिता
छवि अग्रवाल,
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय बनपुरवा,
काशी विद्यापीठ,
जनपद-वाराणसी।
रंगों सा घुल मिल जाना है।
ये देश हमारी शान है।
हम सबकी ये पहचान है।
नामों से हम अनेक हैं।
पर सच में हम सब एक हैं।
ये जात धर्म का भेद मिटाना है।
रंगों का त्यौहार मनाना है
बुराई से हमको लड़ना है।
तन-मन लगाकर पढ़ना है।
हो अमीर गरीब, कनिष्ठ या जेष्ठ
सब पढ़ लिखकर बन जाएँ श्रेष्ठ
बस होली त्यौहार बहाना है।
रंगों का त्यौहार मनाना है।
तन रंग जाए मन रंग जाए।
होली से हर जन रंग जाए।
कुछ ऐसी हो अपनी होली।
चारों ओर हो प्रेम की बोली।
छोड़कर नफ़रत प्यार फैलाना है।
रंगों का त्यौहार मनाना है।
रचयिता
छवि अग्रवाल,
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय बनपुरवा,
काशी विद्यापीठ,
जनपद-वाराणसी।
होली की बहुत बहुत बधाई छबीली बहन !बहुत सुंदर लिखा है.....
ReplyDeleteBahut khoob
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteNice creation
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