नमवा अब सरकारी में लिखाई

संदर्भ-बेसिक शिक्षा के इस बदलते दौर मे-🔜अपने बाल्यावथा व किशोरावस्था के-"दौर-ए-जीवन" में कतिपय कारणों से शिक्षा से वंचित रह गयीं ग्रामीण माताएँ अपने बच्चों की शिक्षा के लिए-क्षेत्रीय-- भाषा में गीत गाते हुए ------------------

(गीत का धुन है-चल सखी वोट देइ आई-)

चल सखी लइकन के लेइ जाई,
नमवा प्राइमरी में लिखाई।
जब से बा "शिक्षण मिशन"आई,
प्राइमरिऔ में होता खुब पढ़ाई।
काहे प्राइवेटवा में पइसा लुटाई,
काहे न लइकन के मोफत पढ़ाई।।

मोफत में बूट मिलै अउर मिलै शुटवा,
ऊपर से भोजन मिलै दूध अउर फ्रुटवा।
त काहे न हम मोफत में पढ़ाई,
नमवा अब प्राइमरी में लीखाई।।

मोफत किताब मिलै, अउर मिलै बेगवा,
फिशिऔ न देइ पड़ै, कटै नहीं जेबवा।
होता अब अंग्रेजी में पढ़ाई,
नमवा अब प्राइमरी में लिखाई।।

गड़िऔ कै भाड़ा बचै,
रोड के खतरा से बचै।
काहें हम खटहरा से भेजवाई,
नमवा अब प्राइमरी में लिखाई।।

मस्टरौ त एक-एक से बायल गयन आई,
बी.एड,एम.एड सहित पी.एचडी, नेटौ--
                                       क्वालीफाई।
लइकन के काहें तब ओहमा पढ़ाई,
नमवा अब प्राइमरी में लिखाई।।

तबकी प्राइमरी खाली, अब जूनिअरौ भाई,
दूनौ में होई इन्गलिश मिडियम में पढ़ाई।
चल सखी, नमवां सरकारी में लिखाई,
खुब होता जमि के पढ़ाई।।

पड़ल बा जबसे "शिक्षण मिशन" कै परछाईं,
होता खुब जमि के अब  एहमा पढ़ाई।
अब त प्रइवेटवा के हम भूलि जाई,
नमवा अब सरकारी में लिखाई।।

"शिक्षण मिशन"के चलतन अब,
होता "प्रोजेक्टर" से  पढ़ाई।
केतना हम, सब से बताई,
नमवा अब प्राइमरी में लिखाई।।

रचयिता
विजय मेहंदी,
सहायक अध्यापक,
KPS(E.M.School)Shudanipur, Madiyahu,
जनपद-जौनपुर।


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