होली के रंग, परीक्षाओं के संग

मार्च महीना आया है बच्चों,
होली का रंग छाया है बच्चों,
रंग-अबीर सबको लगाना,
पर हानि किसी को न पहुँचाना।

रंग प्राकृतिक होंगे गर तो,
मज़ा दोगुना हो जाएगा,
सौहार्द प्रेम का संदेश देकर,
होली की ख़ुशी बढ़ाना बच्चों।

मीठी-मीठी गुझिया खाना,
झगड़ा किसी से कभी न करना,
होलिका की पावन अग्नि में,
बुरी आदतें भस्म कर देना।

अब आओ अगली बात बताएँ,
घड़ी परीक्षा की भी आयी,
होली के सुन्दर रंगों संग,
परीक्षाओं का डर भी लायी।

पर डरने की न बात कोई है,
साथ तुम्हारी टीचर जी हैं,
वर्ष भर जो तुमने बाँची,
वही पढ़ाई लिख देनी है।

हर विषय की अलग पढ़ाई,
शांत मन से तुम कर लेना,
फिर धैर्यपूर्वक प्रश्नपत्र पढ़,
कॉपी पर उत्तर लिख देना।

विश्वास परिश्रम पर तुम करना,
परिणाम की चिंता कभी न करना,
मेहनत तुम्हारी रंग लाएगी,
खुशियों से जीवन महकाएगी।

रचयिता
पूजा सचान,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मसेनी(बालक) अंग्रेजी माध्यम,
विकास खण्ड-बढ़पुर,
जनपद-फर्रुखाबाद।

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