जीवन है जल में

नित नई आशा किरण उठती मन में,
कभी तो सब समझेंगे जीवन है जल में।

जल है तो कल है साथ में परसों और हर पल है,
जल के बिना सूना जीवन और धरती का हर कण है।

कभी तो विचारना अगर प्यास लगी तो क्या करोगे,
प्यासे कौए की कहानी के महत्त्व को भी समझोगे।

जल न अगर बचाया तो तुम्हारा अस्तित्व न रहेगा,
पीढ़ियों को भी जल शायद इतिहास की पुस्तकों में मिलेगा।

जल के लिए जब जंग होगी अपनों के ही बीच,
तब कौन जाएगा बचाने भारत माता की दहलीज।

जब देखोगे तुम तमाशा जल संकट का,
रोओगे पछताओगे कोई साथ न होगा इस क्षण का।

इस बहुमूल्य और निःशुल्क रतन का करना चाहिए तुम्हें संरक्षण,
वरना जल संकट की तलवार से होगा तुम्हारे जीवन का भक्षण।

जल की कीमत को पहचानो जल की कीमत तुम जानो,
व्यर्थ न करेंगे जल ऐसा जानो करेंगे जल संरक्षण ऐसा मानो।

जल के बिना जीवन शून्य है शून्य है संसार,
जल के साथ है जीवन में खुशियाँ अपार।

जल के महत्त्व को तुम जान लो,
जल को बचाना है ऐसा प्रण मन में ठान लो।

नित नई आशा किरण उठती मन में,
कभी तो सब समझेंगे जीवन है जल में।

रचयिता
वर्तिका अवस्थी,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय देवामई(अंग्रेजी माध्यम),
विकास क्षेत्र-मैनपुरी,
जनपद-मैनपुरी।

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