मैं हूँ भारत का गणतन्त्र

मैं हूँ भारत का गणतन्त्र।
मैं हूँ भारत का जनतन्त्र।।

मैं देशभक्ति का पोषक हूँ
मैं समता का उद्घोषक हूँ
मैं सबको बाँधे रखता हूँ
मैं सबको साधे रखता हूँ
मैं हूँ जन-जन का जनमन्त्र,
मैं हूँ भारत का गणतन्त्र।

मैं अधिकारों का पक्षकार
मैं कर्तव्यों का सलाहकार
मैं भेदभाव से दूर खड़ा
मैं ऊँच-नीच से खूब लड़ा
मैं हूँ भारत का जयमन्त्र,
मैं हूँ भारत का गणतन्त्र।

मैं बलिदानों की गाथा हूँ
मैं भारत भाग्य विधाता हूँ
मैं शहरों में भी रहता हूँ
मैं गाँवों में भी बसता हूँ
मैं हूँ प्रेम का मूलमन्त्र,
मैं हूँ भारत का गणतन्त्र।

मैं जन-गण-मन अधिनायक हूँ
मैं राष्ट्र गान का गायक हूँ
मैं संविधान में बसता हूँ
मैं कानूनों से चलता हूँ
मैं हूँ अनुशासन का मन्त्र,
मैं हूँ भारत का गणतन्त्र।

मैं आज़ादी का रक्षक हूँ
मैं शांति का महा शिक्षक हूँ
मैं हर पल आगे बढ़ता हूँ
मैं नहीं किसी से डरता हूँ
मैं दुनिया का श्रेष्ठ तन्त्र,
मैं हूँ भारत का गणतन्त्र।

रचयिता
अनार सिंह वर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला गोदी,
जनपद-कासगंज।
972062564

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