जल

आज विश्व जल दिवस मनायें।
पानी की हर बूँद बचायें।।

22 मार्च को रखना याद।
पानी न करना बर्बाद।।

जल ही जीवन जल ही प्राण।
जल बिन सूना सब संसार।।

प्रकृति के हैं संसाधन जितने।
अनमोल होते सब उतने।।

उपयोग करो सब सोच समझकर।
प्रण लो आज सभी यह मिलकर।।

जल की सुरक्षा और सफाई।
जीवन रक्षा सम है भाई।।

अब भी गर हम न चेतेंगे।
परिणाम भयानक सब भोगेंगे।।

कल-कल शीतल जल का झरना।
पतित-पावनी तरिणी  का बहना।।

कुएँ, ताल, कुंड और पोखर।
हो जाएँगे आँखों से ओझल।।

कुछ अनजाने कुछ प्रथा बहाने।
दूषित करते जल मनमाने।।

जल प्रदूषण अब रोंके हम।
अन्य उपायों को सोचें हम।।

जल संरक्षण यदि न करेंगे।
विकट त्रासदी से जन मरेंगे।।

आज सहेजेंगे जब जल को।
हँसता देखेंगे तब निज "कल"को।।
     
रचयिता
पुष्पा पटेल,
प्रधानध्यापक, 
प्राथमिक विद्यालय संग्रामपुर,
विकास क्षेत्र-चित्रकूट,
जनपद-चित्रकूट।

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