आगे बढ़ते रहना

खुद पर विश्वास सदा करना
मेहनत से कभी तू न डरना
न रोक सके कोई बाधा
पथ पर आगे बढ़ते रहना।
यदि आगे बढ़ते जाओगे
ऊँचे शिखर चढ़ पाओगे।

जीवन की डगर कठिनाई भरी
कहीं जटिल हैं कही सरल
कठिनाइयों से घबराना ना
करते रहना प्रयास अविरल।
करके पराजित विघ्नों को
तुम शूरवीर कहलाओगे।

कभी हार न मानो, रुको नहीं
आगे-आगे बढ़ते रहना
पर फिर भी मंजिल न मिल पाये
मायूस न हो धीरज धरना
बनकर सूरज एक दिन तुम भी
जग में प्रकाश फैलाओगे ।
   
रचयिता
गीता गुप्ता "मन"
प्राथमिक विद्यालय मढ़िया फकीरन,
विकास क्षेत्र - बावन,
जनपद - हरदोई।

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