हिन्दी

हिंद देश की भाषा हिन्दी,
भारत माँ की आशा हिन्दी,
जन-जन के हृदयों में बसती,
 नेह की परिभाषा हिन्दीll

वागेश्वरी का वरदान है हिन्दी,
भारतीय का मान है हिन्दी,
वन्दनीय है माँ समान जो,
माँ भारती की शान है हिन्दीll

भाषाओं की जननी हिन्दी,
है संस्कृत की अनुगमनी हिन्दी,
शब्द-बाण तरकश में भरे है,
सुहृदय, सरल, मृगनयनी हिन्दीll

कालजयी इतिहास है हिन्दी,
शीत कभी मधुमास है हिन्दी,
शब्दों  से छलकती मादकता,
यमक कहीं अनुप्रास है हिन्दीll

जीवन का आधार है हिन्दी,
बहती गंगा की धार है हिन्दी,
सरस, मनोरम, मधुर, सरल,
अनुपम एक संसार है हिन्दीll

आज शिखर से गिरती हिन्दी,
अस्तित्व को अपने लड़ती हिन्दी,
 है  राष्ट्रभाषा  अपनी  फिर क्यूँ,
गिरती संभलती बढ़ती हिन्दीll

रचयिता
गीता गुप्ता "मन"
प्राथमिक विद्यालय मढ़िया फकीरन,
विकास क्षेत्र - बावन,
जनपद - हरदोई।

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