ईश्वर चन्द्र विद्यासागर

ईश्वर चन्द्र विद्यासागर
   जन्म दिवस

पुनर्जागरण काल के
स्तम्भों में एक।

विधवा पुनर्विवाह पर
काम किये बड़े नेक।।

विधवा पुनर्विवाह कानून
सन अठरा सौ छप्पन।

पास कराया सत्प्रयास से
विधवाओं का सुधरा जीवन।

स्त्री शिक्षा के प्रबल समर्थक
विद्यालय कई खुलवाए।

विद्वता के कारण ही
विद्यासागर कहलाये।

दार्शनिक, शिक्षाशास्त्री
लेखक और अनुवादक।

मानवतावादी, उद्यमी
मुद्रक और प्रकाशक।

साहित्य, संस्कृत, खगोल
बंगाली का गहन अध्ययन।

दीनों की सेवा में समर्पण
कर देते थे वेतन।।

बंगला लिपि के संशोधक
श्रेष्ठ प्रोफेसर शिक्षक।

राजा राम मोहन के साथी
बंग संस्कृति के संरक्षक।।

ठाकुर दास पिता थे
इनके भगवती देवी माता।

करमाटांड कर्म भूमि
जन्मभूमि है कोलकाता।

स्थापित कर विद्यालय
और रात्रिकालीन कक्षाएँ।

पढ़े बेटियाँ, बढ़े बेटियाँ
हो सशक्त महिलाएँ।।

ईश्वर चन्द्र विद्यासागर
की जयंती आज मनाएँ।

उनके कृति कृतित्व से
सबजन सीखें और सिखाएँ।

रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।

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