ऐसे आएँगे बच्चे स्कूल

सुबह सवेरे उठती हूँ जब,
याद रखती हूँ मैं सब।
आज किसे क्या कितना पढ़ाना?
मन लगाकर यह योजना बनाना।।

कल का भी पाठ है दोहराना।
आज का महत्व सबको समझाना

यही मंत्र है सबसे मूल
फिर न होगी कभी कोई भूल।।
होगा याद सब तो खिलेंगे चेहरों पर फूल।
भागे आएँगे बच्चे स्कूल।।
नहीं होंगे वे दिन अब दूर,
सब बच्चे आएँगे ज़रूर।।।

रचयिता
शालिनी कुशवाहा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय रसूलाबाद, 
विकास खण्ड-चायल,
जनपद-कौशाम्बी।

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