चहुँओर मचा शोर

चहुँओर मचा बस यही शोर,
हिन्दी पर संकट छाया है।
नहीं खोज रहे क्या कारण है?
यह संकट किसका लाया है??

हम ही हैं जो अंग्रेजी को,
हिन्दी से बेहतर आँक रहे?
हम ही हैं जो शाकुन्तलम को,
मैकबेथ से कमतर माप रहे?
अब तो तुलसी की 'मानस' का,
अंग्रेजी 'वर्ज़न' आया है!
चहुँओर......(१)

हम आप बने अंग्रेजीदां,
हॉलीवुड के हैं दीवाने।
रामायण, कृष्णा "बोर" करें,
हम पंचतंत्र से अनजाने।।
अब तो महाभारत 'ओल्ड' हुआ,
'गेम ऑफ थ्रोन्स' सभी को भाया है।
चहुँओर......(२)

रचयिता
अपूर्वा अवस्थी 'उन्मुक्त',
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय भम्मापुरवा,
जनपद-हरदोई।

Comments

Total Pageviews