४७७~ संजय कुमार (स.अ.) प्राथमिक विद्यालय तुलसीपुर दक्षिणी, ब्लॉक - तुलसीपुर, जनपद - बलरामपुर, राज्य - उत्तर प्रदेश

       🏅अनमोल रत्न🏅


मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद बलरामपुर से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न शिक्षक सहयोगी भाई संजय कुमार जी से करा रहे हैं, जिन्होंने आपसी सहयोग, समन्वय, सकारात्मकता और व्यवहार कुशलता से टीम वर्क के रूप में विद्यालय परिवार के साथ मिल कर विद्यालय को विविध शिक्षण गतिविधियों और उपलब्धियों का केन्द्र बना दिया है जिससे विद्यालय न सिर्फ बच्चों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना बल्कि सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
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👉1..शिक्षक का परिचय :-
संजय कुमार (स.अ.) प्राथमिक विद्यालय तुलसीपुर दक्षिणी, ब्लॉक - तुलसीपुर, जनपद - बलरामपुर, राज्य - उत्तर प्रदेश
प्रथम नियुक्ति : 31 दिसंबर - 2015
वर्तमान विद्यालय में नियुक्त : 13 अप्रैल - 2017

👉2- विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास :
🥀A- स्वयं के प्रयास: जब मैं इस विद्यालय में आया तो मुझे कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा। जैसे - नामांकन बेहतर होते हुए भी बच्चों के ठहराव में कमी, बच्चों में अनुशासनहीनता, अशोभनीय भेशभूषा, बच्चों में झिझक, अधिगम में अरुचि आदि। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए मैंने कार्य करना शुरू किया और सोचा कि बच्चे स्कूल में क्यों आएं? स्कूल में क्यों रुकें? इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए विद्यालय का आकर्षक लगना, रोचक व गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई का होना अति आवश्यक है। मैंने विद्यालय समय तक विद्यालय में पढ़ाया और बच्चों की कक्षा के बाद विद्यालय में पेंटिंग का कार्य किया। चित्रों और मॉडयूल से दीवारों को इतना सुशोभित कर दिया कि मानो मुर्दे में जान डाल दी हो। इस सब में होने वाले खर्च को हमारे विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती चित्रलेखा जी ने वहन किया। इस कार्य के बाद मैंने एक रजिस्टर बनाया जिसमें बच्चे की पूर्ण जानकारी होती थी। रजिस्टर लेकर मैं गांव में घर - घर गया, अभिभावकों से मिला जिसके फलस्वरूप विद्यालय में नामांकन बढ़ा और बच्चे प्रतिदिन विद्यालय आने भी लगे। अब सबसे बड़ी समस्या थी विद्यालय में बच्चों के ठहराव की, जिसके लिए मैंने प्रत्येक माह सर्वाधिक उपस्तिथि वाले तीन बच्चों को पुरस्कृत करना शुरु किया। बच्चे स्वच्छ होकर आए इसके लिए भी प्रत्येक माह तीन स्वच्छ बच्चों को भी पुरस्कृत करना सुरु कर दिया। परिणामस्वरूप बच्चे प्रतिदिन साफ - सुथरे होकर विद्यालय आने लगे। अब जरूरत थी बच्चों की पढ़ाई को रोचक बनाने की, बच्चों में ज्ञान का प्रचार - प्रसार करने की। इसके लिए मैंने प्रत्येक कक्षा में प्रतिदिन एक सुलेख हिंदी, एक सुलेख अंग्रेजी व गणित का होमवर्क जांचना शुरु कर दिया।विद्यालय में लिखित टाईम टेबल बनाया और उसी के आधार पर पढ़ाना शुरु किया। प्रार्थना के समय सुविचार, समाचार, सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछने - बताने का कार्यक्रम शुरु किया। बच्चे इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने लगे। इसका सकारात्मक परिणाम देख कर कुछ दिन बाद ही 10 बच्चे - 10 टॉपिक कार्यक्रम शुरु किया जिसके अन्तर्गत किन्हीं 10 बच्चों को एक - एक करके 10 टॉपिक दे दिए जाते थे, जिन्हें अगले दिन प्रत्येक बच्चे से प्रार्थना सभा में ही सुना जाता था। इन सभी कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप बच्चे पढ़ाई में रुचि लेने लगे, बच्चों में ज्ञान का प्रचार - प्रसार होने लगा। बच्चों को उर्जानवित होते देख मैंने अपने विद्यालय में बहुत मेहनत और लगन के साथ शिक्षण कार्य किया, बहुत से मॉडयूल और टीएलएम बनाएं। आज हमारा विद्यालय बच्चों, मॉडयूल, टी.एल.एम. व नवाचारों से सुशोभित हो रहा है।







🥀B- अन्य शिक्षकों के सहयोग से: हमारे विद्यालय का पूरा स्टाफ एक टीम वर्क करता है। किसी भी कार्य को पूरा करने में सभी अपने - अपने तरीके से अपनी - अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। मेरी साथी शिक्षिका श्रीमती गोल्डी जी व नसरीन जहाँ जी एक साथ मिलकर बच्चों से एक्टिविटी कराती हैं और मेरे किसी भी नवाचार में मेरा पूरा सहयोग करती हैं। प्रधानाध्यापिका श्रीमती चित्रलेखा जी अपने पद की गरिमा को समझते हुए हमेशा विद्यालय कार्य के लिए तत्पर रहती हैं। शिक्षामित्र श्री अनवारूल हक जी व श्रीमती सुनीता यादव जी विद्यालय के सभी कार्य में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। अन्य शिक्षकों के सहयोग से विद्यालय में पेड़ - पौधे लगाए गए। प्रधानाध्यापिका के सहयोग से विद्यालय के भौतिक परिवेश में परिवर्तन किया गया, विद्यालय में रंगाई - पुताई, चित्रकारी की गई, विद्यालय में पेयजल व शौचालय की सही - सही व्यवस्था की गई।
🥀C- जनप्रतिनिधि के सहयोग से:
🥀D- शासन के सहयोग से : विद्यालय में शासन के द्वारा विद्युत की व्यवस्था की गई जिससे बच्चों का हर मौसम में पढ़ना सुविधाजनक हो गया। शासन द्वारा उपलब्ध खेल का सामान, पुस्तकालय, शौचालय, यूनिफॉर्म, बैग और पुस्तकों की व्यवस्था से सरकारी स्कूलों के प्रति छात्रों का आकर्षण बढ़ा है। शासन के द्वारा ही विद्यालय में रसोई गैस की व्यवस्था की गई व शासन के माध्यम से हमारे विद्यालय को एक अतिरिक्त कक्ष की व्यवस्था की गई जिससे बच्चों के बैठने की व्यवस्था बहुत ही सुविधाजनक हो गई।
🥀E- जन सहभागिता से : हमारे एस एम सी के सदस्यों द्वारा समय - समय पर विद्यालयों को तन - मन से सहयोग मिलता रहता है । एस एम सी अध्यक्ष श्री अनवर जी कारपेंटर का कार्य करते हैं जो समय - समय पर हमारे विद्यालय के दरवाजों व फर्नीचर की निस्वार्थ मरम्मत करते रहते हैं जिसके लिए विद्यालय परिवार उनका सदा आभारी रहेगा।
🥀F- अन्य सहयोग से : आदरणीय खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय तुलसीपुर श्री महेन्द्र कुमार जी को विद्यालय परिवार विशेष धन्यवाद देना चाहता है क्योंकि महोदय जी ने जबसे हमारे विद्यालय को गोद लिया है तभी से अपने बहुमूल्य समय में से हमारे विद्यालय को समय देते रहे हैं। महोदय जी हमेशा हमें सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते रहे हैं और हम सब भी उन्हीं के दिशनिर्देशों पर कार्य करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

👉3- किए गये प्रयासों का परिणाम:
🥀A- प्रयास से पहले और प्रयास के बाद नामांकन : मेरे प्रयास से पहले वर्ष 2017 में विद्यालय में 188 नामांकन था जो प्रतिवर्ष बढ़कर 208 , 216 से वर्ष 2020 में 225 हो गया।
🥀B- वर्तमान उपस्थिति का प्रतिशत : वर्तमान स्तिथि में कोविड़ - 19 के कारण विद्यालय में कक्षा का संचालन नहीं हो पा रहा है किन्तु इससे पहले विद्यालय में प्रतिदिन लगभग 80 से 90 % बच्चे विद्यालय में उपस्थित रहते थे जो हम सब शिक्षकों कि मेहनत और बच्चों की शिक्षा के प्रति रुचि व जागरूकता का परिणाम है।
🥀C- प्रतियोगिताओं में सफल छात्रों की संख्या : अलग - अलग प्रतियोगिताओं में मेरे विद्यालय के लगभग 10 छात्र - छात्राओं ने सफलता प्राप्त की है।

👉4- विद्यार्थियों की
उपलब्धियाँ:-
🥀A- विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त पुरस्कार विवरण: दिनांक 22 दिसंबर 2018 को यूनिसेफ एवं सेव द चिल्ड्रेन द्वारा कराई गई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता बाल कुंभ मेला में विद्यालय के पांच बच्चो ने "बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ" पर आधारित एक नाटिका प्रस्तुत की और द्वितीय स्थान प्राप्त किया। जिसके लिए सभी पाँच बच्चों को प्रशस्ति पत्र व शील्ड देकर सम्मानित किया गया।
🥀B- विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का विवरण: दिनांक 16 मार्च 2019 को ब्लॉक स्तरीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में विद्यालय के 2 बच्चों ने टॉप - 10 की लिस्ट में जगह बनाई और प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मान पाया।
🥀C- विद्यार्थियों की अन्य उपलब्धियाँ : यूथ हॉस्टल्स एसोसिएसन ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश राज्य शाखा कानपुर द्वारा पोस्टर चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें हमारे विद्यालय के 3 बच्चों ने प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मान पाया।

👉5 - विद्यालय की प्रेरक शिक्षण, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:- विद्यालय में समय - समय पर विभिन्न महत्वपूर्ण दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे - गणतंत्र दिवस , स्वतंत्र दिवस, 2 अक्टूबर, बाल दिवस, शिक्षक दिवस, समस्त जयंती समारोह आदि। इसके अतिरिक्त सामाजिक गतिविधियों के अंतर्गत स्कूल चलो अभियान रैली, मतदाता जागरूकता रैली, स्वच्छता अभियान रैली, पॉलिथीन से मुक्ति रैली, वृक्षारोपण कार्यक्रम, स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीकाकरण अभियान आदि को समय - समय पर आयोजित किया जाता है। सप्ताह में एक दिन (शनिवार) को बच्चों को विभिन्न प्रकार के खेल खिलाए जाते हैं जैसे - कबड्डी, खो - खो, कुर्सी दौड़, बोरा दौड़, लूडो, बैड मिंटन, फुटबॉल आदि। समय - समय पर विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं छात्र - छात्राओं के लिए आयोजित की जाती हैं और उनके उत्साहवर्धन हेतु इन अवसरों पर पुरस्कार वितरण भी किया जाता है। खेल के माध्यम से विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी बच्चों के मध्य कराई जाती है जिनके परिणामस्वरूप बच्चे खेल का आनन्द भी लेते हैं लर्निंग ऑटकम भी प्राप्त करते हैं। 






👉6 - शिक्षकों और विद्यालय की उपलब्धियां:-
🥀A- शिक्षकों के नवाचारों का विवरण:- मेरा हमेशा से प्रयास रहा है कि विद्यालय के अंदर छात्र - छात्रा जो भी सीखे वह उनका स्थाई ज्ञान हो। इस सबके लिए मैं हमेशा विद्यालय में नवाचार करता रहता हूँ और हमेशा सरल व उपयोगी टी एल एम् बनाता रहता हूँ। किसी भी नवाचार से छात्र - छात्राओं व अध्यापकों में नई ऊर्जा का प्रवाह होता है इसलिए मैं हमेशा टीएलएम के माध्यम से ही शिक्षण कार्य करना अच्छा समझता हूँ। नवाचारों व टी एल एम के माध्यम से बच्चों को स्थाई ज्ञान की प्राप्ति होती है। मेरे द्वारा विद्यालय में किए गए कुछ नवाचार व उपयोग किए गए कुछ टी एल एम निम्न प्रकार हैं -
⚘विद्यालय में क्रियान्वित नवाचार : 10 बच्चे - 10 टॉपिक कार्यक्रम, बाहर देखता - बच्चे में छिपा कलाकार, बड़ा जिधर देखो - मुंह उधर खोलो, इकाई परिवर्तन सिखाता डोरीमोन, गिनती सिखाती चिड़िया, गणित संक्रिया सिखाती टेबल, खेल - खेल में पहाड़े याद कराना, खेल - खेल में वर्ष महीने दिन दिनांक आदि का ज्ञान कराना, खेल - खेल में बच्चों को इकाई - दहाई अंकों की पहचान कराना, खेल - खेल में फल - फूल सब्जी व जंतुओं आदि के अंग्रेजी नाम याद कराना। ⚘विद्यालय में टी०एल०एम एवं क्राफ्ट वर्क : जंतुओं और पक्षियों के मास्क (मुखौटे), बड़ा जिधर देखो - मुंह उधर खोलो, इकाई परिवर्तन सीढ़ी, रंग - बिरंगी चिड़ियां, मैथमेटिकल ऑपरेशन टेबल, पहाड़ा मेकर, समय चक्र, इकाई - दहाई तस्तरी, फल-फूल सब्जी जंतु पक्षी आदि के नमूने, मोटू - पतलू, मानव कंकाल मॉडयूल, मानव हृदय मॉडयूल, मानव आहरनाल मॉडयूल, सौरपरिवार मॉडयूल, विश्व में एशिया, एशिया में भारत, भारत में उत्तर प्रदेश मॉडयूल आदि।
🥀B- शिक्षकों के विभिन्न सम्मानों एवं पुरस्कारों विवरण: मैं पिछले 5 वर्षों से बेसिक में अध्यापन का कार्य कर रहा हूँ। इन 5 वर्षों में मुझे व मेरे कार्य को ब्लॉक स्तर, जनपद स्तर व राज्य स्तर पर काफी सराहना मिली है। मैं अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य स्तर पर भी सम्मानित हो चुका हूँ व इस वर्ष 26 जनवरी को जनपद ने मुझे आदर्श शिक्षक की उपाधि से नवाजा है जिसके लिए मैं खंड शिक्षा अधिकारी तुलसीपुर, बीएसए बलरामपुर, बलरामपुर जनपद व बेसिक विभाग का सदा आभारी रहूँगा । मुझे व मेरे विद्यालय परिवार के शिक्षक साथियों को मिले सम्मान व पुरस्कार का विवरण निम्न प्रकार है --- दिनांक 12 मई 2018 को पूर्व बीएसए श्री रमेश यादव जी ने मुझे नवाचार के लिए प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया, दिनांक 18 मई 2018 को जिला अधिकारी महोदय श्री कृष्ण करुणेश व सी डी ओ महोदया जी ने मुझे नवाचार के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया, दिनांक 02 दिसंबर 2018 को मंडल स्तरीय नवाचार संबंधित प्रतियोगिता में अपना स्थान बनाया और बहराइच में सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) - देवीपाटन मंडल उत्तर प्रदेश द्वारा सम्मानित किया गया, दिनांक 22 दिसम्बर 2018 को यूनिसेफ एवं सेव द चिल्ड्रेन द्वारा कराई गई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता बाल कुम्भ मेला में विद्यालय के बच्चों ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया जिसके लिए बच्चों के साथ - साथ मुझे प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, दिनांक 02 फरवरी 2019 को सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता रेहरा बाजार - बलरामपुर में नवाचार के लिए मुझे प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, दिनांक 26 मार्च 2019 एवं 27 मार्च 2019 को एन सी ई आर टी लखनऊ में राज्य स्तरीय कला क्राफ्ट एवं पपेट्री प्रतियोगिता में गणित वर्ग में मैंने द्वितीय स्थान प्राप्त किया जिसके लिए मुझे प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, अप्रैल 2018 को पूर्व बीएसए श्री रमेश यादव जी द्वारा श्रीमती चित्रलेखा (प्र.अ.) को कुशल नेतृत्व एवं विद्यालय के कुशल संचालन के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, दिनांक 29 दिसम्बर 2018 को नसरीन जहाँ (स अ) को यूनिसेफ व तराई एंवार्मेंट एवेनेस समिति द्वारा विद्यालय सुरक्षा एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम में प्रतिभाग के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, दिनांक 16 अप्रैल 2019 को श्रीमती गोल्डी देवी (स०अ०) को इनोवेटिव पाठशाला - बलरामपुर में प्रतिभाग करने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
🥀C- शिक्षकों की अन्य उपलब्धियाँ: मेरे विद्यालय के छात्र - छात्राओं का विभिन्न प्रतियोगिता में प्रतिभाग करना और न्याय पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन करना एक शिक्षक के रूप में निश्चित ही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश: मिशन शिक्षण संवाद शिक्षकों के द्वारा शिक्षा के उत्थान के लिए किये गए प्रयासों को साझा करने के लिए एक सर्वोत्तम मंच है। मिशन शिक्षण संवाद का सदा ही उद्देश्य रहा है कि सभी शिक्षक एक साथ जुड़कर कार्य करें, एक - दूसरे से सीखते - सिखाते हुए कार्य करें, एक - दूसरे के सहयोग से, सकारात्मक सोच की शक्ति से बेसिक शिक्षा को नई पहचान दिलाने का प्रयास करते रहें। मिशन शिक्षण संवाद सीखने - सिखाने की स्वंसेवी एवं स्वैच्छिक पहल है। इस मंच पर शिक्षक स्वयं उत्कृष्ट कार्य करने के लिए अपने अंदर ऊर्जा जगाता है और अखंड ज्योति की तरह मेहनत से कार्य करता है। मिशन शिक्षण संवाद ने मुझे मेरे बेसिक शिक्षा विभाग में, समाज में अपार सम्मान दिलाया है, मैं मिशन शिक्षण संवाद का सदा आभारी रहूँगा। भविष्य में भी मैं शिक्षा के उत्थान के लिए ओर बेहतर करने का अपना प्रयास अनवरत जारी रखूंगा।

👉8 - शिक्षक समाज के लिए संदेश:- मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से मैं अपने सभी साथियों को संदेश देना चाहता हूँ कि एक बच्चा अपने उज्जवल भविष्य की कामना करता हुआ अपना जो समय हमें पूर्ण विश्वास के साथ दे देता है वो समय उनके पास कभी वापिस नहीं आएगा अत: हमारा परम् दायित्व बनता है कि हम पूरी मेहनत और ईमानदारी से अपने छात्र - छात्राओं के भविष्य को उज्जवल बनाए। जिस प्रकार एक शिल्पकार किसी भी तरह के पत्थर को तराश कर उसे सुन्दर मूर्ति का रूप दे देता है, जिस प्रकार एक कुम्हार कच्ची मिट्टी को सहला - सहला कर एक सुंदर बर्तन का रूप दे देता है उसी प्रकार हम सभी शिक्षकों का भी प्रथम दायित्व है कि हम अपने विद्यार्थियों को इस प्रकार से तराशे और सहलाए कि हमारे द्वारा शिक्षित किए गए सभी बच्चे "विश्व का प्रकाश" बनकर पूरे विश्व को अपनी रोशनी से प्रकाशित कर सकें।

👉9- संकलन एवं सहयोग
बृजेश कुमार द्विवेदी
मिशन शिक्षण संवाद बलरामपुर
06-08-2020

नोट : मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर - 9458278429 पर लिखें ✍🏽🙏

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