राष्ट्रीय खेल दिवस
29 अगस्त खेल दिवस की हुई शुरुआत,
मेजर ध्यान चंद जयंती के हैं आगाज,
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार की भी शुरुआत,
और भी जानेंगे हम, इसके बारे में आज।
हॉकी के जादूगर, ध्यानचंद का है जन्मदिन,
दिए जाते हैं खेल पुरस्कार इसी दिन,
राजीव गांधी खेल रत्न, द्रोणाचार्य और अर्जुन,
जादूगर कहलाये कारण था बेहतर प्रदर्शन।
1928 में ओलंपिक में किये 14 गोल,
विरोधी टीमें करने लगीं खेल टालमटोल,
1932 में दोहराया फिर वही इतिहास,
गोल्ड मेडल और सम्मान पाया अपना देश।
1936 में जर्मनी से था कड़ा मुकाबला,
हिटलर की मौजूदगी से भी असर न पड़ा,
देखकर इनके गोल की कुशलता,
स्टेडियम छोड़ा हिटलर, हॉकी स्टिक दिखानी पड़ी।
देखे गोल इनके हिटलर ने चाल खेली,
रखा खेल खेलने का प्रस्ताव,
मेजर ने बिल्कुल भी न मानी,
कहा भारत देश है केवल मेरा ख्वाब।
1948 में खेला अपना आखिरी मैच,
पूरे कैरियर में दागे 400 गोल,
1956 में पद्म भूषण किया उन्होंने कैच,
उनके कीर्तिमान का आज तक मिला न कोई मेल।
मेजर ध्यान चंद जयंती के हैं आगाज,
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार की भी शुरुआत,
और भी जानेंगे हम, इसके बारे में आज।
हॉकी के जादूगर, ध्यानचंद का है जन्मदिन,
दिए जाते हैं खेल पुरस्कार इसी दिन,
राजीव गांधी खेल रत्न, द्रोणाचार्य और अर्जुन,
जादूगर कहलाये कारण था बेहतर प्रदर्शन।
1928 में ओलंपिक में किये 14 गोल,
विरोधी टीमें करने लगीं खेल टालमटोल,
1932 में दोहराया फिर वही इतिहास,
गोल्ड मेडल और सम्मान पाया अपना देश।
1936 में जर्मनी से था कड़ा मुकाबला,
हिटलर की मौजूदगी से भी असर न पड़ा,
देखकर इनके गोल की कुशलता,
स्टेडियम छोड़ा हिटलर, हॉकी स्टिक दिखानी पड़ी।
देखे गोल इनके हिटलर ने चाल खेली,
रखा खेल खेलने का प्रस्ताव,
मेजर ने बिल्कुल भी न मानी,
कहा भारत देश है केवल मेरा ख्वाब।
1948 में खेला अपना आखिरी मैच,
पूरे कैरियर में दागे 400 गोल,
1956 में पद्म भूषण किया उन्होंने कैच,
उनके कीर्तिमान का आज तक मिला न कोई मेल।
रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
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