जेहाद

एक मैदान था कर्बला
जिसमें यज़ीद, अहले रसूल लड़े।
एक अधर्मी, दूसरे धर्म पक्ष में खड़े
वो था, धर्मयुद्ध(जेहाद)।।

जेहाद का अर्थ मारना नहीं
सत्य, न्याय, इंसानियत पे मर जाना होता है।
कर्बला में जो सत्य पथ पर थे खड़े
धर्म की राह में अड़े।।

उन्होंने आत्मबलिदान कर दिया
मानवता का ऊँचा नाम कर दिया।
तुमने जेहाद शब्द की आड़ लिया
हम जेहाद कर रहे।।

तुमने झूठ,अन्याय, पाखण्ड रचा
हम सत्य, न्याय पर चल रहे।
इसलिए जेहाद हम कर रहे
युद्ध महाभारत हो या कर्बला या कारगिल।।

हम अपने देश की मिट्टी को
अपने रक्त से सींचेंगे।
जेहादी हम हैं
तो हम ही जीतेंगे।।

रचयिता
कौसर जहाँ,
सहायक अध्यापक, 
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन,
विकास क्षेत्र-पिपरौली,
जनपद-गोरखपुर।

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