शहीद
मेरे भैया मुझे बताओ
ये किसकी सुंदर तस्वीर है,
शांति कांति से सजा हुआ
इनका पावन सकल शरीर है,
लब पर मुस्कान सुंदर सी
अद्भुत छवि दिखलाती है।
जीवन में हँसते रहने की,
हमें सीख सिखलाती है
प्यारे बच्चों अब ये यहाँ नहीं
केवल अमिट कहानी है
जिसने माँ के बंधन काटे
ये वही वीर सेनानी हैं
बेटा इनका उद्देश्य यही था
नित हँसमुख रहकर
स्वदेश की सेवा करना
दुश्मन के अत्याचारों से
बिल्कुल न घबराना।
ये भारत के वीर शहीद,
इनको प्रेम से शीश झुकाना
रचयिता
उर्मिला पुंडीर,
सहायक अध्यापक,
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय माधोपुर हजरतपुर,
विकास खण्ड-रूड़की,
जनपद-हरिद्वार,
उत्तराखण्ड।
ये किसकी सुंदर तस्वीर है,
शांति कांति से सजा हुआ
इनका पावन सकल शरीर है,
लब पर मुस्कान सुंदर सी
अद्भुत छवि दिखलाती है।
जीवन में हँसते रहने की,
हमें सीख सिखलाती है
प्यारे बच्चों अब ये यहाँ नहीं
केवल अमिट कहानी है
जिसने माँ के बंधन काटे
ये वही वीर सेनानी हैं
बेटा इनका उद्देश्य यही था
नित हँसमुख रहकर
स्वदेश की सेवा करना
दुश्मन के अत्याचारों से
बिल्कुल न घबराना।
ये भारत के वीर शहीद,
इनको प्रेम से शीश झुकाना
रचयिता
उर्मिला पुंडीर,
सहायक अध्यापक,
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय माधोपुर हजरतपुर,
विकास खण्ड-रूड़की,
जनपद-हरिद्वार,
उत्तराखण्ड।
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