दैनिक दिनचर्या

गुड़िया मेरी रानी है।
गुड़िया बढ़ी सयानी है।
बड़े सवेरे उठती है
मंजन कुल्ला करती है।
अपना मुँह वह धोती है।
हर-हर गंग नहाती है।
गुड़िया मेरी रानी है।
शीशा, कंघा लाती है।
अपने बाल बनाती है।
 रिबिन लाल बँधाती है।
काजल भी लगाती है।
 शाला  पढ़ने जाती है।
 अ-आ-इ-ई पढ़ती है।
 गिनती भी वह गिनती है।
जोड़-घटाना भी वह करती है।
गुड़िया मेरी रानी है।
ऊं-ऊं-ऊं रोती है।
हा-हा-हा वह हँसती है।
 खेल-कूद घर आती है।
गुड़िया मेरी रानी है।

रचयिता
दीपिका चौसाली,
सहायक अध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय विरकाना,
विकास खण्ड-कनालीछीना,
जनपद-पिथौरागढ़,
उत्तराखण्ड।

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