नंदाष्टमी
भाद्र मासे, शुक्ल पक्ष में,
अष्टमी तिथि, पूजित महारानी।
माँ गौरा का रूप अप्रतिम,
नवदुर्गावतारी नंदा रानी।
हिमालय पूजिता, शक्ति स्वरूपा,
चंद वंश की राज परम्परा।
माँ नंदा कुर्मांचलवासिनी,
राज जात यात्रा साम्राज्ञी।
पंचमी तिथि, पूजन प्रारंभा,
कदली स्तम्भ निर्मित दो प्रतिमा।
नन्दा, सुनंदा, नंदा पर्वत सदृशा,
डोला, जागर, राज परम्परा।
झोडा, छपेली, छोलिया, हुडके,
सम्मोहित देखें सब मुड़के।
कपकोट, पोंथिंग, नैनीताल के मेले,
लोकविरासत, सुंदर अलबेले।
दया दृष्टि रखना माँ अम्बा,
तेरे दर पे जगत है खड़ा!
रचयिता
माया गुरूरानी,
सहायक अध्यापक,
राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय धौलाखेड़ा,
विकास खण्ड-हल्द्वानी,
जनपद-नैनीताल,
उत्तराखण्ड।
अष्टमी तिथि, पूजित महारानी।
माँ गौरा का रूप अप्रतिम,
नवदुर्गावतारी नंदा रानी।
हिमालय पूजिता, शक्ति स्वरूपा,
चंद वंश की राज परम्परा।
माँ नंदा कुर्मांचलवासिनी,
राज जात यात्रा साम्राज्ञी।
पंचमी तिथि, पूजन प्रारंभा,
कदली स्तम्भ निर्मित दो प्रतिमा।
नन्दा, सुनंदा, नंदा पर्वत सदृशा,
डोला, जागर, राज परम्परा।
झोडा, छपेली, छोलिया, हुडके,
सम्मोहित देखें सब मुड़के।
कपकोट, पोंथिंग, नैनीताल के मेले,
लोकविरासत, सुंदर अलबेले।
दया दृष्टि रखना माँ अम्बा,
तेरे दर पे जगत है खड़ा!
रचयिता
माया गुरूरानी,
सहायक अध्यापक,
राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय धौलाखेड़ा,
विकास खण्ड-हल्द्वानी,
जनपद-नैनीताल,
उत्तराखण्ड।
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