गिनती

एक नेक चिड़िया है आई।
दो दाने मुँह  में  भर  लाई।।
तीन जने हैं उसने बच्चे।
चार महीनों के हैं कच्चे।।
पाँच  फलों  को  चाहें  चखना।
छह ऋतुओं का स्वाद परखना।।
सात सुरों में  गाना  गाएँ।
आठ प्रहर तीनों मुस्काएँ।।
नौ -नौ तिनके लगे उठाने।
दस का दम भरते  बेगाने।।

रचयिता
नवनीत चौधरी विदेह,
प्रभारी प्रधानाध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय रजपुरा,
विकास खण्ड:- रूद्रपुर,
जनपद:- ऊधम सिंह नगर,
उत्तराखण्ड।

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