खेलो इंडिया

खेल-खेल में खेल को खेलो
आओ बच्चों सब मिल खेलो।।

चुस्ती फुर्ती के संग खेलो
मस्ती में सब झूम के खेलो।

खेलेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया
विश्व पटल पर दिखेगा इंडिया।।

हॉकी खेलो, क्रिकेट खेलो
बेसबॉल, कबड्डी खेलो।।

टेबल टेनिस, लॉन टेनिस खेलो
फुटबॉल, बैडमिंटन जम कर खेलो।।

है ये सब आउटडोर खेल
और बहुत इंडोर है खेल।।

खेलो पूरी शान से
लूडो खेलो, साँप सीढ़ी खेलो।

शतरंज की बाजी लगाओ
तुम बुद्धि के अनुमान से।।

स्वस्थ अगर रहना है तुमको
खेल को अपनी जान बनाओ।

पढ़ना बहुत जरुरी है पर
खेल में कसरत पूरी है।।

ताश के पत्तों से महल बनाओ
कैरम से रानी को जीतो।।

जल में खेलो, थल में खेलो
कुश्ती में कीर्तिमान बनाओ।।

बुला चौधरी तुम बन जाओ
उड़न परी के जैसे उड़ना।

हिन्दुस्तान की आन बनो तुम
मेजर ध्यानचंद का मान बनो तुम।

खेल बहुत है, नाम बहुत हैं
खेल सको तो सबको जानो।।

पर बच्चों एक बात को मानो
खेल के नियम ध्यान तुम रखना।।

खेल हमेशा, दिल से खेलो
खेल भावना का मान तुम रखना।।

इक दूजे का ईमान तुम रखना
देश का ऊँचा नाम तुम रखना।।

खेल दिवस पर यही है नारा
खेलोगे स्वस्थ तो रहोगे स्वस्थ।।

रचयिता
मंजरी सिंह,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उमरी गनेशपुर,
विकास खण्ड-रामपुर मथुरा,
जनपद-सीतापुर।


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