खेल दिवस
अगस्त की उनतीस तारीख को जन्मदिन जिनका आता
वो भारत की माटी का लाल, मेजर ध्यानचंद कहलाता।
हॉकी को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई,
भारत की दुनिया भर में कुछ यूँ शान बढ़ाई,
हॉकी के जादूगर ने जगाई अलख थी,
उनमें पदक पाने की एक ललक थी।
ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाये,
ले हाथों में स्टिक दिग्विजयी कहलाये।
उनके जन्मदिन पर खेलों का पुरस्कार दिया जाता है,
इस दिन खिलाड़ियों को सम्मान दिया जाता है,
खेल स्वास्थ्य का रखता है ध्यान,
खेल बढ़ाता है जान और पहचान,
खेल बनाता है अक्षय उर्जावान,
चिर यौवन की सौगात और मिलता सम्मान।
आओ राष्ट्रीय खेल दिवस मनाएँ,
खेलो में भारत की पहचान बनाएँ।
रचयिता
नन्दी बहुगुणा,
प्रधानाध्यापक,
रा० प्रा० वि० रामपुर,
विकास खण्ड-नरेन्द्रनगर,
जनपद-टेहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
वो भारत की माटी का लाल, मेजर ध्यानचंद कहलाता।
हॉकी को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई,
भारत की दुनिया भर में कुछ यूँ शान बढ़ाई,
हॉकी के जादूगर ने जगाई अलख थी,
उनमें पदक पाने की एक ललक थी।
ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाये,
ले हाथों में स्टिक दिग्विजयी कहलाये।
उनके जन्मदिन पर खेलों का पुरस्कार दिया जाता है,
इस दिन खिलाड़ियों को सम्मान दिया जाता है,
खेल स्वास्थ्य का रखता है ध्यान,
खेल बढ़ाता है जान और पहचान,
खेल बनाता है अक्षय उर्जावान,
चिर यौवन की सौगात और मिलता सम्मान।
आओ राष्ट्रीय खेल दिवस मनाएँ,
खेलो में भारत की पहचान बनाएँ।
रचयिता
नन्दी बहुगुणा,
प्रधानाध्यापक,
रा० प्रा० वि० रामपुर,
विकास खण्ड-नरेन्द्रनगर,
जनपद-टेहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
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