४६१~ सुभाष चन्द्र कुशवाहा (प्र०अ०) प्रा०वि० शेखनापुर घाट (अंग्रेजी माध्यम), ब्लॉक : गोसाईंगंज जनपद: लखनऊ, उ०प्र०

         🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद - लखनऊ के अनमोल रत्न शिक्षक भाई सुभाष चन्द्र कुशवाहा जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और व्यवहार कुशलता से विद्यालय से लेकर विभाग तक शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए सतत प्रयास किए। आज इसी का परिणाम है कि मरुभूमि बना हुआ विद्यालय आज आकर्षक एवं सुन्दर हरियाली के साथ बच्चों की विविध शिक्षण गतिविधियों के द्वारा सुशोभित हो। जिससे विद्यालय आज न सिर्फ बच्चों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है बल्कि सामाजिक विश्वास का केन्द्र भी बन गया है। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

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👉1..शिक्षक का परिचय:-
सुभाष चन्द्र कुशवाहा (प्र०अ०) प्रा०वि० शेखनापुर घाट (अंग्रेजी माध्यम), ब्लॉक : गोसाईंगंज, जनपद: लखनऊ, उ०प्र०

प्रथम नियुक्ति : 26/09/2001
वर्तमान विद्यालय में नियुक्त : 18/08/2008

👉2 - विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास :-
जब मैं प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त होकर वर्तमान विद्यालय (प्रा०वि० शेखनापुर घाट, गोसाईंगंज, लखनऊ) में सन- 2008 में आया तो उस समय विद्यालय की स्थिति विद्यालय जैसी नहीं थी। विद्यालय एकदम वीरान था। ग्रीष्म ऋतु की तपती दोपहरी में बच्चों को कमरों में बैठाना बहुत ही मुश्किल काम था। विद्यालय परिसर में एक भी वृक्ष नहीं था चारों तरफ गंदगी फैली हुई थी और विद्यालय के आसपास सरपत उगे हुए थे। गाँव के कुछ लोग अपने पशु बांधते थे और वहीं गोबर पाथतते थे। गाँव के लोगों से बात करके धीरे-धीरे वहाँ से पशुओं हटवाये।
उसके पश्चात मैंने निर्णय लिया कि सबसे पहले विद्यालय में वृक्षारोपण किया जाय। परंतु विद्यालय में बाउंड्रीवाल नहीं थी। अतः मैंने स०बे०शिक्षा० अधिकारी गोसाईगंज को बाउन्ड्रीवाल के लिए प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र स्वीकृति होने के पश्चात बाउंड्रीवाल की धनराशि ग्राम शिक्षा निधि में प्रेषित की गई। तत्कालीन ग्राम प्रधान श्रीमती जसोदा देवी के सहयोग से बाउंड्री वाल का निर्माण जनवरी- 2009 में पूर्ण हुआ। उसके पश्चात विद्यालय की रंगाई - पुताई कराई।
विद्यालय परिसर को हरा-भरा करने के लिए मैंने छायादार वृक्ष व फूल के पौधे लगवाने शुरू किए। थोड़ी परेशानी जरूर हुई क्योंकि गाँव के बच्चे विद्यालय बन्द होने के पश्चात अंदर आकर पौधों को उखाड़ देते थे। मैंने गाँव के लोगों से बात की और उनसे आग्रह किया कि यह विद्यालय आपका है इसको सुंदर बनाने में सहयोग करें। उन्होंने मेरी बात मान ली और अपना पूर्ण सहयोग प्रदान किया जिसके फलस्वरूप आज 12 वर्ष के पश्चात ये वृक्ष बड़े हो गए है और विद्यालय के वातावरण को हरा-भरा कर रहे है। वर्तमान में विद्यालय में अनेक वृक्ष शोभायमान है जिसमें -









◆ अशोक, अमरूद, आम, नीम, जामुन, अर्जुन, गुलमोहर, नीबू, गुड़हल, कनेर,चमेली, मोरपंखी, मालती, मेंहदी, वाटलब्रश, बोगनबेलिया, कैक्टस आदि।
वृक्षों की सेवा में हमारे विद्यालय के बच्चों व स्टॉफ ने बहुत सहयोग किया। अतः वे बधाई के पात्र है। इस कार्य में प्रधान जी ने भी हमारा सहयोग किया। हम उनके बहुत आभारी है।
वर्तमान में कायाकल्प योजना के अंतर्गत ग्राम प्रधान जी द्वारा अनेक कार्य कराए गए। जैसे:- फर्श की टाइल्स, समर्सिबल पम्प, बिजली वायरिंग, वाटर कूलर, वालपुट्टी, खिड़की - दरवाजों की मरम्मत कार्य आदि।

👉3- किये गए प्रयास :-
◆ प्रत्येक बच्चे का मानसिक स्तर अलग-अलग होता है, इसको ध्यान में रखते हुए शिक्षा सुधार हेतु नवीन गतिविधियों व TLM का विकास किया गया। इसके लिए अनेक रचनात्मक कौशलों के विकास हेतु पपेट निर्माण व संचालन, पेपर मेसी से आकृतियों का निर्माण, मिट्टी के खिलौने बनाने का प्रशिक्षण बच्चों को दिया गया।
◆ मेरा रुझान अधिकतर TLM निर्माण, नवीन गतिविधियों, पपेट निर्माण व संचालन, पेपर मेसी (कबाड़ से जुगाड़) से विभिन्न आकृतियों का निर्माण जैसे- पपेट, पशु-पक्षियों की आकृतियां, विज्ञान के मॉडल आदि बनाने में है। सप्ताह के अंतिम दिन बच्चों को पेपर मेसी से विभिन्न आकृति, पपेट निर्माण व संचालन बच्चों को सिखाया जाता है और इसके माध्यम से शिक्षण कार्य भी कराया जाता है। इससे बच्चों का मानसिक, रचनात्मक, सृजनात्मक, कौशलों का विकास होता है, इसके साथ यह रोजगार परक भी है।
◆ शिक्षा विभाग में नवाचार के लिए TLM निर्माण में योगदान दिया।
◆ कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय के बच्चों को थियेटर व पपेट निर्माण कार्यशाला प्रशिक्षण भी दिया।
◆ डायट लखनऊ में "शिक्षा में पुतली की भूमिका" व कला क्राफ्ट, पपेट निर्माण कार्यशाला का प्रशिक्षण भी दिया।
◆ डायट लखनऊ के डी०एल०एड० व बी०टी०सी० प्रशिक्षणार्थियों को कला, क्राफ्ट, पपेट निर्माण कार्यशाला का प्रशिक्षण भी दिया।
◆ SCERT व राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से विभिन्न मॉड्यूल निर्माण में सहयोग प्रदान किया।
◆ स्काउटिंग में भी मेरी रुचि रही है अतः मैंने स्काउट मास्टर का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है।
◆ खेल एवं योग में भी मेरी रुचि रही है अतः मैं बच्चों को प्रत्येक शनिवार खेल व योगासन भी कराता हूँ।






















👉4- सम्मान व पुरस्कार :-
◆ बच्चे इस देश के भविष्य है। देश का हर बच्चा यदि शिक्षित होगा तभी देश विकास के पथ पर अग्रसर होगा। अतः बच्चे ही हमारा पुरस्कार है और सम्मान भी उन्हीं के द्वारा मिलता है। फिर भी जो सम्मान व पुरस्कार प्राप्त हुआ है वह निम्न हैं :-
◆ 2008-09 : शिक्षा में पुतली की भूमिका कार्यशाला में डायट लखनऊ द्वारा प्राप्त सम्मान।
◆ 2016 : SCRRT द्वारा कला/क्राफ्ट/पपेट्री मॉड्यूल निर्माण में संयुक्त निदेशक (SSA) द्वारा प्राप्त सम्मान।
◆ 2018 : खेलो लखनऊ में DM लखनऊ द्वारा प्राप्त सम्मान, 32 राज्य स्तरीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता में शिक्षा निदेशक (बेसिक) उ०प्र० द्वारा प्राप्त सम्मान, भारत स्काउट गाइड में निर्णायक हेतु डॉ० मुकेश कुमार सिंह (जिला मुख्यायुक्त) द्वारा सम्मानित।
◆2018 : कला, क्राफ्ट, पपेट एवं संगीत कार्यशाला में सन्दर्भदाता के रूप में डायट प्राचार्य डॉ० पवन सचान द्वारा सम्मानित, डायट लखनऊ में आयोजित उद्भव-2018 में डायट प्राचार्य द्वारा कठपुतली स्टॉल हेतु सम्मानित।
◆ 2017, 2018, 2019 में मिशन शिक्षण संवाद द्वारा सम्मानित।
◆ 2018-19 : पपेट एवं थियेटर कार्यशाला KGBV काकोरी व KGBV सरोजनीनगर में सन्दर्भदाता के रूप में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ द्वारा सम्मानित।
◆ 2019 : योगा प्रदर्शन में प्रथम स्थान प्राप्त। डायट प्राचार्य द्वारा सम्मानित।
◆ 2020 : संस्कृतिक व गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ द्वारा सम्मानित।








👉5- मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश :-
◆ मैं मिशन शिक्षण संवाद के सभी माननीय सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूँ। इस मंच के द्वारा हम सभी शिक्षकों को सम्मान प्राप्त हो रहा है साथ ही साथ उनके द्वारा शिक्षण कार्य में किये गए प्रयासों को सबके सामने लाने में जो सहयोग प्रदान किया उसके लिए हम सभी शिक्षक आभारी रहेंगे। यह मंच हम सबको आगे बढ़ने के लिए हमेशा इसी तरह प्रोत्साहित करता रहेगा।

👉6- मिशन शिक्षण संवाद को धन्यवाद :-
◆ मैं मिशन शिक्षण संवाद के कर्मठ सदस्य श्री सुरेश जायसवाल जी की धन्यवाद देना चाहता हूँ कि जिन्होंने मुझे शिक्षण संवाद समूह में शामिल किया। श्री सुरेश जी बड़े ही कर्मठ व जुझारु प्रकृति के है। वह हमेशा हम सबको प्रोत्साहित करते रहते है। मैं लगभग 3 वर्षों से इस मंच से जुड़ा हूँ। मुझे अनुभव हुआ है कि यह शिक्षकों का ऐसा मंच है जहाँ शिक्षक अपनी योग्यता व नवीन जानकारी एक दूसरे से साझा कर पाते है और इसके साथ ही जो शिक्षक अच्छा कार्य कर रहे है उन्हें आगे लाने का भी प्रयास मिशन शिक्षण संवाद कर रहा है। मैं इस ग्रुप के सभी महत्वपूर्ण सदस्यों को शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ।

👉7- शिक्षकों के लिए संदेश :-
◆ हमें निरंतर अपने अनुभवों को बच्चों व शिक्षक साथियों से साझा करना चाहिए। साथ ही साथ अपने रुचि के अनुरूप कार्य करना चाहिए। यदि किसी कार्य को अरुचि के साथ करते है तो उसमें हम कभी सफल नहीं हो सकते ऐसा मेरा मानना है। अतः बच्चों में किसी भी विषय के लिए रुचि जाग्रत करना परम आवश्यक है और हमें हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
◆ मिशन शिक्षण संवाद से जुड़कर मुझे उत्साह व प्रोत्साहन मिला है जिससे कुछ नया करने का संबल प्राप्त होता है।

✏️संकलन एवं सहयोग
सुरेश जायसवाल
मिशन शिक्षण संवाद लखनऊ
03-06-2020

नोट :- मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर- 9458278429 पर लिखें।

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