३१३~ रोबीना यज़दानी (प्र०अ०) प्रा०वि० बघी गोवर्धनपुर 2, वि०ख० कुन्दरकी, जनपद-मुरादाबाद
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद मुरादाबाद से बहन रोबीना यज़दानी जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय कार्यों एवं विचारों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2310072229270361/
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।।
असफलता एक चुनौती है उसे स्वीकार करो।
क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो।।
जब तक न सफल हो नींद चैन को त्यागो तुम।
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागों तुम।।
कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।।
👩🏫मैं रोबीना यज़दानी (प्र०अ०) प्रा०वि० बघी गोवर्धनपुर 2, वि०ख० कुन्दरकी, जनपद-मुरादाबाद
मैंने उपरोक्त कविता को ही अपने जीवन का आधार मानकर लक्ष्य निर्धारित किया। जब विद्यालय में मेरी नियुक्ति (प्र०अ०) पद पर हुई तो विद्यालय का भवन व वातावरण अस्त व्यस्त तथा नीरस था। विद्यालय परिसर व बच्चों की स्थिति सन्तोषजनक नहीं थी। यहाँ एक ही परिसर में तीन विद्यालय चल रहें थे।मेरे विद्यालय में केवल बालिकाओं का नामांकन होता है। गांव वालों की नजर में सरकारी विद्यालय की एक नकारात्मक छवि थी और सोच थी कि सरकारी स्कूल में तो पढ़ाई ही नहीं होती है विद्यालय की समस्याओं को भली भाँति समझने के बाद मैंने उन पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया।
👉छात्र संख्या..
2015..16 _ 116
2016..17 _ 123
2017..18 _ 163
2018...19 _ 156
👉नामांकन के बाद समस्या थी ठहराव की इसके लिए गांव में डोर टू डोर घूम कर व शिक्षक अभिभावक बैठकों का आयोजन कर ग्रामवासियों को शिक्षा के महत्व के विषय में बताया जिसके धीरे-धीरे सकारात्मक परिणाम मिलने प्रारम्भ हो गये।
👉कक्षा कक्ष ...विद्यालय में 5 कक्षा कक्ष हैं जिनके फर्श टूटे हुए थे उनमें फर्श डलवाया, पेन्ट कराया, व्हाइट बोर्ड की व्यवस्था व हर कक्षा में डस्टविन व पैरदान की व्यवस्था की।
👉विद्यालय का रसोईघर स्टोर रूम की तरह भरा रहता था क्योंकि तीनों विद्यालय का खाना एक साथ बनता था मैंने भोजन व्यवस्था अलग करके आवश्यक बर्तनों, कारपेट व अन्य उपकरणों की व्यवस्था की तथा रसोईघर को एक सुन्दर रूप देकर सुचारू रूप से कार्य प्रारम्भ किया।
👉शौचालय के टूटे दरवाजे ठीक कराये तथा ग्राम प्रधान के सहयोग से शौचालय में टाइल्स और रनिंग वाटर की व्यवस्था की गई।
👉विद्यालय की चाहरदीवार नीची होने के कारण काफी नुकसान होता था स्वंय के खर्च से चाहरदीवार को ऊँचा कराया तथा उस पर लोहे की ग्रील लगवाई साथ ही दरवाजे पर फाइबर शीट लगवाने का कार्य किया।
👉 विद्यालय में स्वंय के खर्च पर सफाई कर्मी की व्यवस्था की।
👉ग्राम प्रधान के सहयोग से ही विद्यालय मैदान में टाइल्स लगवाई गई।
👉बच्चों के हाथ धोने के लिए वाश वेसिन तथा पीने के पानी के लिए वाटर कूलर की व्यवस्था की गई।
👉सभी कक्षा के लिए पंखों और L.E.D की व्यवस्था की गई।
👉बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था अपने व्यक्तिगत प्रयास से की गई।
👉विद्यालय में अपने स्वंय के प्रयास से 🌳पौधे लगा कर विद्यालय के वातावरण को सुन्दर रूप प्रदान किया गया।
👉विद्यालय के कार्यालय को आकर्षक रूप प्रदान किया गया।
👉सभी कक्षाओं में उनके अनुरूप आकर्षक और उपयोगी tlm की व्यवस्था की गई जिससे शिक्षण आसान और सरल बनाने में मदद मिली साथ ही बच्चों को भी सीखने में रूचि उत्पन्न करने में सहायता मिली।
👉शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए खेल-खेल में शिक्षण, गतिविधि आधारित शिक्षण 💻 ICT तकनीक का प्रयोग किया।
👉बच्चों का 🍬🎂जन्मदिन मनाना।
👉प्रत्येक शनिवार बाल सभा का आयोजन।
👉प्रार्थना सभा हेतु माइक की व्यवस्था।
👉समय-समय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन।
👉बच्चों के सांस्कृतिक विकास के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन विद्यालय में करना आरम्भ किया।
👉बच्चों को विभिन्न अवसरों पर 🎖🏆पुरस्कार देकर उनका मनोबल बढ़ाना प्रारम्भ किया जिससे बच्चों में सकारात्मक संदेश गया और बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करना प्रारम्भ कर दिया।
इन सभी प्रयासों का एक सकारात्मक परिणाम मिला कि जिस सरकारी विद्यालय में ग्राम वासी अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते थे आज उनकी सोच बदली है और सभी की नजरों में विद्यालय एक आदर्श विद्यालय के रूप में अपनी पहचान बना चुका है।
मैं इस स्थिति में विद्यालय को ले जाने के लिए हार्दिक आभारी हूँ अपने विद्यालय स्टाॅफ ( संगीता मैम, अनु मैम ) की जिनके साथ हमने एक परिवार की तरह मिलकर कार्य किया और निरन्तर प्रगति प्राप्त की साथ ही ग्राम प्रधान श्री धर्मेंद्र सिंह जी की जिन्होंने हमें हर सम्भव सहयोग दिया।
बस इसी संकल्प के साथ पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से अपने कर्त्तव्य पथ पर अग्रसर है कि
💐💐💐💐💐💐💐
हम शिक्षक है हम शिक्षा की तस्वीर बदल देगें ।
भारत के नन्हे मुन्नों की तकदीर बदल देगें ।।
💐💐💐💐💐💐💐
साभारः रोबीना यज़दानी (प्र०अ०) प्रा०वि० बघी गोवर्धनपुर 2, वि०ख० कुन्दरकी, जनपद-मुरादाबाद
संकलन:- संयोगिता
मिशन शिक्षण संवाद मुरादाबाद
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
12-04-2019
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद मुरादाबाद से बहन रोबीना यज़दानी जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय कार्यों एवं विचारों को:-
https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2310072229270361/
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।।
असफलता एक चुनौती है उसे स्वीकार करो।
क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो।।
जब तक न सफल हो नींद चैन को त्यागो तुम।
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागों तुम।।
कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।।
👩🏫मैं रोबीना यज़दानी (प्र०अ०) प्रा०वि० बघी गोवर्धनपुर 2, वि०ख० कुन्दरकी, जनपद-मुरादाबाद
मैंने उपरोक्त कविता को ही अपने जीवन का आधार मानकर लक्ष्य निर्धारित किया। जब विद्यालय में मेरी नियुक्ति (प्र०अ०) पद पर हुई तो विद्यालय का भवन व वातावरण अस्त व्यस्त तथा नीरस था। विद्यालय परिसर व बच्चों की स्थिति सन्तोषजनक नहीं थी। यहाँ एक ही परिसर में तीन विद्यालय चल रहें थे।मेरे विद्यालय में केवल बालिकाओं का नामांकन होता है। गांव वालों की नजर में सरकारी विद्यालय की एक नकारात्मक छवि थी और सोच थी कि सरकारी स्कूल में तो पढ़ाई ही नहीं होती है विद्यालय की समस्याओं को भली भाँति समझने के बाद मैंने उन पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया।
👉छात्र संख्या..
2015..16 _ 116
2016..17 _ 123
2017..18 _ 163
2018...19 _ 156
👉नामांकन के बाद समस्या थी ठहराव की इसके लिए गांव में डोर टू डोर घूम कर व शिक्षक अभिभावक बैठकों का आयोजन कर ग्रामवासियों को शिक्षा के महत्व के विषय में बताया जिसके धीरे-धीरे सकारात्मक परिणाम मिलने प्रारम्भ हो गये।
👉कक्षा कक्ष ...विद्यालय में 5 कक्षा कक्ष हैं जिनके फर्श टूटे हुए थे उनमें फर्श डलवाया, पेन्ट कराया, व्हाइट बोर्ड की व्यवस्था व हर कक्षा में डस्टविन व पैरदान की व्यवस्था की।
👉विद्यालय का रसोईघर स्टोर रूम की तरह भरा रहता था क्योंकि तीनों विद्यालय का खाना एक साथ बनता था मैंने भोजन व्यवस्था अलग करके आवश्यक बर्तनों, कारपेट व अन्य उपकरणों की व्यवस्था की तथा रसोईघर को एक सुन्दर रूप देकर सुचारू रूप से कार्य प्रारम्भ किया।
👉शौचालय के टूटे दरवाजे ठीक कराये तथा ग्राम प्रधान के सहयोग से शौचालय में टाइल्स और रनिंग वाटर की व्यवस्था की गई।
👉विद्यालय की चाहरदीवार नीची होने के कारण काफी नुकसान होता था स्वंय के खर्च से चाहरदीवार को ऊँचा कराया तथा उस पर लोहे की ग्रील लगवाई साथ ही दरवाजे पर फाइबर शीट लगवाने का कार्य किया।
👉 विद्यालय में स्वंय के खर्च पर सफाई कर्मी की व्यवस्था की।
👉ग्राम प्रधान के सहयोग से ही विद्यालय मैदान में टाइल्स लगवाई गई।
👉बच्चों के हाथ धोने के लिए वाश वेसिन तथा पीने के पानी के लिए वाटर कूलर की व्यवस्था की गई।
👉सभी कक्षा के लिए पंखों और L.E.D की व्यवस्था की गई।
👉बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था अपने व्यक्तिगत प्रयास से की गई।
👉विद्यालय में अपने स्वंय के प्रयास से 🌳पौधे लगा कर विद्यालय के वातावरण को सुन्दर रूप प्रदान किया गया।
👉विद्यालय के कार्यालय को आकर्षक रूप प्रदान किया गया।
👉सभी कक्षाओं में उनके अनुरूप आकर्षक और उपयोगी tlm की व्यवस्था की गई जिससे शिक्षण आसान और सरल बनाने में मदद मिली साथ ही बच्चों को भी सीखने में रूचि उत्पन्न करने में सहायता मिली।
👉शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए खेल-खेल में शिक्षण, गतिविधि आधारित शिक्षण 💻 ICT तकनीक का प्रयोग किया।
👉बच्चों का 🍬🎂जन्मदिन मनाना।
👉प्रत्येक शनिवार बाल सभा का आयोजन।
👉प्रार्थना सभा हेतु माइक की व्यवस्था।
👉समय-समय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन।
👉बच्चों के सांस्कृतिक विकास के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन विद्यालय में करना आरम्भ किया।
👉बच्चों को विभिन्न अवसरों पर 🎖🏆पुरस्कार देकर उनका मनोबल बढ़ाना प्रारम्भ किया जिससे बच्चों में सकारात्मक संदेश गया और बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करना प्रारम्भ कर दिया।
इन सभी प्रयासों का एक सकारात्मक परिणाम मिला कि जिस सरकारी विद्यालय में ग्राम वासी अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते थे आज उनकी सोच बदली है और सभी की नजरों में विद्यालय एक आदर्श विद्यालय के रूप में अपनी पहचान बना चुका है।
मैं इस स्थिति में विद्यालय को ले जाने के लिए हार्दिक आभारी हूँ अपने विद्यालय स्टाॅफ ( संगीता मैम, अनु मैम ) की जिनके साथ हमने एक परिवार की तरह मिलकर कार्य किया और निरन्तर प्रगति प्राप्त की साथ ही ग्राम प्रधान श्री धर्मेंद्र सिंह जी की जिन्होंने हमें हर सम्भव सहयोग दिया।
बस इसी संकल्प के साथ पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से अपने कर्त्तव्य पथ पर अग्रसर है कि
💐💐💐💐💐💐💐
हम शिक्षक है हम शिक्षा की तस्वीर बदल देगें ।
भारत के नन्हे मुन्नों की तकदीर बदल देगें ।।
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साभारः रोबीना यज़दानी (प्र०अ०) प्रा०वि० बघी गोवर्धनपुर 2, वि०ख० कुन्दरकी, जनपद-मुरादाबाद
संकलन:- संयोगिता
मिशन शिक्षण संवाद मुरादाबाद
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
12-04-2019
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