हमारी पृथ्वी
भू, भूमि, धरती और धरा
इसके हैं ये नाम अनेक
कहलाती है ये धरती माता
ये है हम सबकी जीवन दाता
कभी इस माँ के आंचल में
सजती थी स्वर्ण रश्मियाँ
चहुँदिश होती थीं
हरी -भरी झलकियाँ
खेतों में बिखरा होता था
सोना
जिसे देख हर कृषक का
गद-गद हो उठता था मन
का हर एक कोना
जिस माँ ने हम पर इतना उपकार किया
हमने बदले में क्या दिया...?
हमने, उसका रंग-रूप है छीना
जिसके होने से है हम सबका संभव जीना
आज प्रण करें हम सब
नर-नारी
पृथ्वी को बचाना हमारी
जिम्मेदारी
अब ना व्यर्थ पेड़ कटेंगे
नदियों-नालियों को हम
स्वच्छ रखेंगें
जल, वायु हो या मृदा
कोई भी प्रदूषण ना करेंगे
फिर से खिल उठेगी ये धरा
पर्यावरण होगा हरा-भरा
लौटा देंगे हम इसका रंग और रूप
चाहें जितनी बारिश हो या धूप
रचयिता
रीनू पाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर,
विकास खण्ड - देवमई,
जनपद-फतेहपुर।
इसके हैं ये नाम अनेक
कहलाती है ये धरती माता
ये है हम सबकी जीवन दाता
कभी इस माँ के आंचल में
सजती थी स्वर्ण रश्मियाँ
चहुँदिश होती थीं
हरी -भरी झलकियाँ
खेतों में बिखरा होता था
सोना
जिसे देख हर कृषक का
गद-गद हो उठता था मन
का हर एक कोना
जिस माँ ने हम पर इतना उपकार किया
हमने बदले में क्या दिया...?
हमने, उसका रंग-रूप है छीना
जिसके होने से है हम सबका संभव जीना
आज प्रण करें हम सब
नर-नारी
पृथ्वी को बचाना हमारी
जिम्मेदारी
अब ना व्यर्थ पेड़ कटेंगे
नदियों-नालियों को हम
स्वच्छ रखेंगें
जल, वायु हो या मृदा
कोई भी प्रदूषण ना करेंगे
फिर से खिल उठेगी ये धरा
पर्यावरण होगा हरा-भरा
लौटा देंगे हम इसका रंग और रूप
चाहें जितनी बारिश हो या धूप
रचयिता
रीनू पाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर,
विकास खण्ड - देवमई,
जनपद-फतेहपुर।
Very beautiful
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