३१२~ कौसर जहाँ (स०अ०) पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन पिपरौली, गोरखपुर
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- गोरखपुर की बहन कौसर जहाँ जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से सम्पूर्ण विद्यालय परिवार के साथ मिल कर टीम भावना के साथ अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है। क्योंकि बेसिक शिक्षा की अनेकों समस्याओं के बीच शिक्षकों के बीच आपसी सामन्जस्य भी बहुत बड़ी और गम्भीर समस्या है। इसके समाधान मात्र से 30 से 40% विद्यालय विशिष्ट विद्यालयों की सूची में शामिल हो सकते है।।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये टीम वर्क के रूप में अनुकरणीय एवं प्रेरक प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2309545049323079&id=1598220847122173
कौसर जहाँ (स०अ०)
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन
पिपरौली, गोरखपुर
विभाग में नियुक्ति- 29/03/1995
विद्यालय में नियुक्ति- 05/09/2003
मेरी पहली नियुक्ति 29 मार्च 1995 में सरदारनगर ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय अवधपुर देवकही में हुई। तत्पश्चात् सन् 1997 में पिपरौली ब्लाक में प्राथमिक विद्यालय नगवां 2 में ट्रांसफर होकर आई।
वर्ष-2003 में पिपरौली ब्लाक में ही प्रमोशन हो कर सहायक अध्यापक के पद पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन में मेरी नियुक्त हुई।
मेरा विद्यालय नया-नया बना था।उसी कैम्पस में प्राथमिक विद्यालय था। हम 06 शिक्षकों निशात परवीन, मैं, नायाब, रंजना यादव, गीता पाण्डेय एवं इंदिरा त्रिपाठी ने एक साथ ज्वाइन किया। हम सब लोगों ने मिलकर विद्यालय के लिए फर्नीचर, स्टेशनरी आदि का प्रबंध किया।
सन-2017 तक हम जितना जानते थे और बीच-बीच में प्रशिक्षण से जितना संभव हुआ उसको अपने विद्यालय पर लागू किया। हाँ इतना अवश्य था मेरा छात्रों से हमेशा भावनात्मक जुड़ाव रहा है। मैं अपनी तरफ से छात्रों की आर्थिक सहायता भी यथा सम्भव करने का प्रयास करती हूँ।
सन-2017 से जब मैंने स्मार्ट फ़ोन का प्रयोग करना शुरू किया तथा व्हाट्सएप ग्रुप बनना प्रारम्भ हुए जिससे कर्मठ शिक्षकों के कार्यों को जाना एवं देखा उससे बहुत प्रेरणा मिली।
मेरे द्वारा किये गए कार्य निम्नांकित हैं-
👉01- प्रार्थना में बहुत कम छात्र उपस्थित होते थे जिसमें सुधार के लिए हमने प्रार्थना के अंत में उपस्थिति लेना आरम्भ कर दिया। एक माह पश्चात सर्वाधिक उपस्थिति वाले छात्रों को Star Child का बैज दिया गया। धीरे-धीरे प्रार्थना में अधिकाधिक छात्र आने लगे।
👉02- दूसरा कार्य किया प्रार्थना के बाद उपस्थिति लेते समय छात्र का नाम लेने पर बच्चे अपनी अंग्रेजी पुस्तक Rainbow से एक अंग्रेज़ी का शब्द और उसका अर्थ बोलते हैं।तीन दिन एक शब्द तीन दिन दूसरा शब्द। एक दिन में दो बार छात्रों की हाजिरी हो जाती है-एक प्रार्थना स्थल पर तथा दूसरी कक्षा में। इस तरह बच्चे 3 दिन में 6 बार एक शब्द अर्थ दुहरा लेते हैं।
👉03- प्रार्थना के लिए हमने दो स्पीकर और एक माइक ख़रीदा है। हफ्ते के 6 दिनों में बच्चे अलग-अलग प्रार्थना करते हैं-
सोमवार-तुम्हीं हो माता ..
मंगलवार-दया कर दान.....
बुधवार-लब पे आती है....
गुरुवार-ऐ मालिक तेरे...
शुक्रवार-इतनी शक्ति हमें..
शनिवार-सूरज की गर्मी से...
प्रार्थना के बाद राष्ट्रगान, फिर संस्कृत श्लोक, इसके पश्चात तीनों कक्षा के 1-1 छात्र बारी-बारी सुविचार बोलते है (बहुत से छात्र मिशन शिक्षण संवाद के सुविचार बोलते है जो ब्लैक बोर्ड से कॉपी पर लिखे होते है ) फिर बारी-बारी तीनों कक्षा से 1-1 छात्र सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछते हैं। फिर प्रतिज्ञा, संकल्प, समाचार पत्र, मिशन शिक्षण संवाद का बोर्ड का वाचन बच्चों द्वारा किया जाता है। (ये सभी कार्य माइक द्वारा होते हैं )
फिर Star Child के बैज हेतु उपस्थिति लिया जाता है।
👉04-शनिवार को एक गतिविधि कराते हैं- "आओ रचें कहानी" इसमें तीनों कक्षा के छात्रों को दो टीम में बांट दिया जाता है। फिर दोनों समूह बारी-बारी एक-एक वाक्य बोलते है जिससे कहानी आगे बढ़ती जाती है और एक कहानी बन जाती है। इस गतिविधि से कहानी लेकर मैंने एक पुस्तक बनाई है नाम है -आओ रचें कहानी
👉05- अप्रैल-2018 में हमने बाल संसद का गठन कराया।
👉06- अप्रैल 2018 में ही बाल अख़बार बनवाना शुरू किया गया। कक्षा 6,7,8 के अखबार के नाम क्रमशः फुलझड़ी, चहकार, बालमन हैं।
👉07- विभिन्न उत्सवों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है।
👉08- किसी शनिवार T LM का निर्माण तो किसी शनिवार बच्चे विषय संबंधित मॉडल बनाते हैं।
👉09-अभी जनवरी सन-2019 से हमने दफ़्ती का Regular Student का बैज बच्चों के लिए बनाना प्रारम्भ किया है।
कुछ बालक बालिका घर का काम कर जैसे लड़कियां खाना बनाकर तथा लड़के अपने माँ या पिता को भोजन उनके कार्य स्थल पर पहुंचा कर आते हैं जिससे वे प्रार्थना में नहीं रह पाते परन्तु कक्षा में नियमित उपस्थित रहते हैं। उनके लिए हमने रेगुलर स्टूडेंट का बैज बनाया ताकि वो हतोत्साहित न हों।
👉10- 11-विभिन्न खेल प्रतियोगिता में मेरे स्कूल के छात्रों ने भाग लिया और जीते हैं ये निम्नांकित है -
🔎1-2016-17 में ब्लाक स्तरीय प्रतियोगिता(भौवापार)
योगा(बालक/बालिका)प्रथम
समूह गान प्रथम
अंताक्षरी प्रथम
ज़िला स्तर, गोरखपुर
योग (बालक/बालिका) प्रथम
समूह गान प्रथम
अंताक्षरी प्रथम
मण्डल स्तर देवरिया
योग बालक प्रथम
योग बालिका द्वितीय
समूहगान प्रथम
2017-18
ब्लाक स्तर भौवापार
योग(बालक/बालिका)प्रथम
समूहगान प्रथम
ज़िला स्तर गोरखपुर
योग (बालक/बालिका)प्रथम
मण्डल स्तर कुशीनगर
योग (बालक/बालिका)प्रथम
2018-19
ब्लाक स्तर, भौवापार
योग (बालक/बालिका) प्रथम
जूडो (40प्लस) बालिका-प्रथम
जूडो (30-35) बालिका-प्रथम
लोक नृत्य प्रथम
ज़िला स्तर
योग(बालक/बालिका)प्रथम
जूडो(40 प्लस)बालिका द्वितीय
जूडो(30-35)प्रथम
मण्डल स्तर,महराजगंज
योग(बालक/बालिका)प्रथम
जूडो(40प्लस)बालिका द्वितीय
जूडो(30-35)द्वितीय
राज्य स्तर झांसी
योग (बालक/बालिका)तृतीय
जूडो (40प्लस) द्वितीय
जूडो(35-40)द्वितीय
योग और जूडो का सारा श्रेय अनुदेशक श्री ब्रजेश मौर्य तथा सहायक अध्यापिका श्रीमती प्रीति पाल जी को जाता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रीति पाल जी के साथ मेरी भी सहभागिता रहती है।
👉11-अभी फरवरी-2019 में हम बच्चों के लिए लैपटॉप लाये हैं जिससे बच्चों को दिया गया ज्ञान रुचिकर एवं स्थायी हो।
🙏धन्यवाद🙏
कौसर जहाँ (स०अ०)
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन
पिपरौली, गोरखपुर
संकलन: मृदुला वैश्य
मिशन शिक्षण संवाद गोरखपुर
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
11-04-2019
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- गोरखपुर की बहन कौसर जहाँ जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से सम्पूर्ण विद्यालय परिवार के साथ मिल कर टीम भावना के साथ अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है। क्योंकि बेसिक शिक्षा की अनेकों समस्याओं के बीच शिक्षकों के बीच आपसी सामन्जस्य भी बहुत बड़ी और गम्भीर समस्या है। इसके समाधान मात्र से 30 से 40% विद्यालय विशिष्ट विद्यालयों की सूची में शामिल हो सकते है।।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये टीम वर्क के रूप में अनुकरणीय एवं प्रेरक प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2309545049323079&id=1598220847122173
कौसर जहाँ (स०अ०)
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन
पिपरौली, गोरखपुर
विभाग में नियुक्ति- 29/03/1995
विद्यालय में नियुक्ति- 05/09/2003
मेरी पहली नियुक्ति 29 मार्च 1995 में सरदारनगर ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय अवधपुर देवकही में हुई। तत्पश्चात् सन् 1997 में पिपरौली ब्लाक में प्राथमिक विद्यालय नगवां 2 में ट्रांसफर होकर आई।
वर्ष-2003 में पिपरौली ब्लाक में ही प्रमोशन हो कर सहायक अध्यापक के पद पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन में मेरी नियुक्त हुई।
मेरा विद्यालय नया-नया बना था।उसी कैम्पस में प्राथमिक विद्यालय था। हम 06 शिक्षकों निशात परवीन, मैं, नायाब, रंजना यादव, गीता पाण्डेय एवं इंदिरा त्रिपाठी ने एक साथ ज्वाइन किया। हम सब लोगों ने मिलकर विद्यालय के लिए फर्नीचर, स्टेशनरी आदि का प्रबंध किया।
सन-2017 तक हम जितना जानते थे और बीच-बीच में प्रशिक्षण से जितना संभव हुआ उसको अपने विद्यालय पर लागू किया। हाँ इतना अवश्य था मेरा छात्रों से हमेशा भावनात्मक जुड़ाव रहा है। मैं अपनी तरफ से छात्रों की आर्थिक सहायता भी यथा सम्भव करने का प्रयास करती हूँ।
सन-2017 से जब मैंने स्मार्ट फ़ोन का प्रयोग करना शुरू किया तथा व्हाट्सएप ग्रुप बनना प्रारम्भ हुए जिससे कर्मठ शिक्षकों के कार्यों को जाना एवं देखा उससे बहुत प्रेरणा मिली।
मेरे द्वारा किये गए कार्य निम्नांकित हैं-
👉01- प्रार्थना में बहुत कम छात्र उपस्थित होते थे जिसमें सुधार के लिए हमने प्रार्थना के अंत में उपस्थिति लेना आरम्भ कर दिया। एक माह पश्चात सर्वाधिक उपस्थिति वाले छात्रों को Star Child का बैज दिया गया। धीरे-धीरे प्रार्थना में अधिकाधिक छात्र आने लगे।
👉02- दूसरा कार्य किया प्रार्थना के बाद उपस्थिति लेते समय छात्र का नाम लेने पर बच्चे अपनी अंग्रेजी पुस्तक Rainbow से एक अंग्रेज़ी का शब्द और उसका अर्थ बोलते हैं।तीन दिन एक शब्द तीन दिन दूसरा शब्द। एक दिन में दो बार छात्रों की हाजिरी हो जाती है-एक प्रार्थना स्थल पर तथा दूसरी कक्षा में। इस तरह बच्चे 3 दिन में 6 बार एक शब्द अर्थ दुहरा लेते हैं।
👉03- प्रार्थना के लिए हमने दो स्पीकर और एक माइक ख़रीदा है। हफ्ते के 6 दिनों में बच्चे अलग-अलग प्रार्थना करते हैं-
सोमवार-तुम्हीं हो माता ..
मंगलवार-दया कर दान.....
बुधवार-लब पे आती है....
गुरुवार-ऐ मालिक तेरे...
शुक्रवार-इतनी शक्ति हमें..
शनिवार-सूरज की गर्मी से...
प्रार्थना के बाद राष्ट्रगान, फिर संस्कृत श्लोक, इसके पश्चात तीनों कक्षा के 1-1 छात्र बारी-बारी सुविचार बोलते है (बहुत से छात्र मिशन शिक्षण संवाद के सुविचार बोलते है जो ब्लैक बोर्ड से कॉपी पर लिखे होते है ) फिर बारी-बारी तीनों कक्षा से 1-1 छात्र सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछते हैं। फिर प्रतिज्ञा, संकल्प, समाचार पत्र, मिशन शिक्षण संवाद का बोर्ड का वाचन बच्चों द्वारा किया जाता है। (ये सभी कार्य माइक द्वारा होते हैं )
फिर Star Child के बैज हेतु उपस्थिति लिया जाता है।
👉04-शनिवार को एक गतिविधि कराते हैं- "आओ रचें कहानी" इसमें तीनों कक्षा के छात्रों को दो टीम में बांट दिया जाता है। फिर दोनों समूह बारी-बारी एक-एक वाक्य बोलते है जिससे कहानी आगे बढ़ती जाती है और एक कहानी बन जाती है। इस गतिविधि से कहानी लेकर मैंने एक पुस्तक बनाई है नाम है -आओ रचें कहानी
👉05- अप्रैल-2018 में हमने बाल संसद का गठन कराया।
👉06- अप्रैल 2018 में ही बाल अख़बार बनवाना शुरू किया गया। कक्षा 6,7,8 के अखबार के नाम क्रमशः फुलझड़ी, चहकार, बालमन हैं।
👉07- विभिन्न उत्सवों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है।
👉08- किसी शनिवार T LM का निर्माण तो किसी शनिवार बच्चे विषय संबंधित मॉडल बनाते हैं।
👉09-अभी जनवरी सन-2019 से हमने दफ़्ती का Regular Student का बैज बच्चों के लिए बनाना प्रारम्भ किया है।
कुछ बालक बालिका घर का काम कर जैसे लड़कियां खाना बनाकर तथा लड़के अपने माँ या पिता को भोजन उनके कार्य स्थल पर पहुंचा कर आते हैं जिससे वे प्रार्थना में नहीं रह पाते परन्तु कक्षा में नियमित उपस्थित रहते हैं। उनके लिए हमने रेगुलर स्टूडेंट का बैज बनाया ताकि वो हतोत्साहित न हों।
👉10- 11-विभिन्न खेल प्रतियोगिता में मेरे स्कूल के छात्रों ने भाग लिया और जीते हैं ये निम्नांकित है -
🔎1-2016-17 में ब्लाक स्तरीय प्रतियोगिता(भौवापार)
योगा(बालक/बालिका)प्रथम
समूह गान प्रथम
अंताक्षरी प्रथम
ज़िला स्तर, गोरखपुर
योग (बालक/बालिका) प्रथम
समूह गान प्रथम
अंताक्षरी प्रथम
मण्डल स्तर देवरिया
योग बालक प्रथम
योग बालिका द्वितीय
समूहगान प्रथम
2017-18
ब्लाक स्तर भौवापार
योग(बालक/बालिका)प्रथम
समूहगान प्रथम
ज़िला स्तर गोरखपुर
योग (बालक/बालिका)प्रथम
मण्डल स्तर कुशीनगर
योग (बालक/बालिका)प्रथम
2018-19
ब्लाक स्तर, भौवापार
योग (बालक/बालिका) प्रथम
जूडो (40प्लस) बालिका-प्रथम
जूडो (30-35) बालिका-प्रथम
लोक नृत्य प्रथम
ज़िला स्तर
योग(बालक/बालिका)प्रथम
जूडो(40 प्लस)बालिका द्वितीय
जूडो(30-35)प्रथम
मण्डल स्तर,महराजगंज
योग(बालक/बालिका)प्रथम
जूडो(40प्लस)बालिका द्वितीय
जूडो(30-35)द्वितीय
राज्य स्तर झांसी
योग (बालक/बालिका)तृतीय
जूडो (40प्लस) द्वितीय
जूडो(35-40)द्वितीय
योग और जूडो का सारा श्रेय अनुदेशक श्री ब्रजेश मौर्य तथा सहायक अध्यापिका श्रीमती प्रीति पाल जी को जाता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रीति पाल जी के साथ मेरी भी सहभागिता रहती है।
👉11-अभी फरवरी-2019 में हम बच्चों के लिए लैपटॉप लाये हैं जिससे बच्चों को दिया गया ज्ञान रुचिकर एवं स्थायी हो।
🙏धन्यवाद🙏
कौसर जहाँ (स०अ०)
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन
पिपरौली, गोरखपुर
संकलन: मृदुला वैश्य
मिशन शिक्षण संवाद गोरखपुर
नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।
साभारः
टीम मिशन शिक्षण संवाद
11-04-2019
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