पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस हम मना रहे हैं।
घर-घर जागरूकता फैला रहे हैं।।
पेड़ लगाओ कुछ साँसें बचाओ।
संदेश ये सबको सुना रहे हैं।।
पृथ्वी सबका बोझ है सहती।
हमको क्या-क्या सौगातें देती।।
जीवनदायिनी माँ जीवन देती।
बदले में न कुछ हमसे लेती।।
हमको माँ की करनी है रक्षा।
पेड़ लगा कर करें सुरक्षा।।
हरे-भरे कोई पेड़ न काटो।
पेड़ों से ही है जीवन अपना।।
हरियाली से जीवन बने खुशहाल।
पेड़ है धरती माँ का श्रृंगार।।
माँ को दुख तुम न पहुँचाओ।
पेड़ लगा कर पर्यावरण बचाओ।।
जीवन है ये अपना अनमोल।
लगा सके न कोई इसका मोल।।
क्यों व्यर्थ इसे तुम गंवा रहे हो।
पेड़ काट कर महल बना रहे हो।।
पेड़ बिना ना जीवन बचना।
पेड़ है सबकी जीवन सुरक्षा।।
आओ आज मिल कसम ये खायें।
पेड़ लगाए धरा को बचायें।।
रचयिता
डॉक्टर नीतू शुक्ला,
प्रधान शिक्षक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेथर 1,
विकास खण्ड-सिकन्दर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।
घर-घर जागरूकता फैला रहे हैं।।
पेड़ लगाओ कुछ साँसें बचाओ।
संदेश ये सबको सुना रहे हैं।।
पृथ्वी सबका बोझ है सहती।
हमको क्या-क्या सौगातें देती।।
जीवनदायिनी माँ जीवन देती।
बदले में न कुछ हमसे लेती।।
हमको माँ की करनी है रक्षा।
पेड़ लगा कर करें सुरक्षा।।
हरे-भरे कोई पेड़ न काटो।
पेड़ों से ही है जीवन अपना।।
हरियाली से जीवन बने खुशहाल।
पेड़ है धरती माँ का श्रृंगार।।
माँ को दुख तुम न पहुँचाओ।
पेड़ लगा कर पर्यावरण बचाओ।।
जीवन है ये अपना अनमोल।
लगा सके न कोई इसका मोल।।
क्यों व्यर्थ इसे तुम गंवा रहे हो।
पेड़ काट कर महल बना रहे हो।।
पेड़ बिना ना जीवन बचना।
पेड़ है सबकी जीवन सुरक्षा।।
आओ आज मिल कसम ये खायें।
पेड़ लगाए धरा को बचायें।।
रचयिता
डॉक्टर नीतू शुक्ला,
प्रधान शिक्षक,
मॉडल प्राइमरी स्कूल बेथर 1,
विकास खण्ड-सिकन्दर कर्ण,
जनपद-उन्नाव।
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