अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक,3,रेखा बोरा,उत्तराखंड
*👩🏻🏫अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक*
*मिशन शिक्षण संवाद परिवार उत्तराखंड की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
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*👩👩👧👧महिला सशक्तिकरण- 3*
*(दिनाँक- 04 अप्रैल 2019)*
*नाम-रेखा बोरा*
विद्यालय का नाम-रा.प्रा. वि.
मौनपोखरी
ब्लॉक- चम्पावत, जिला चम्पावत
प्रथम नियुक्ति- 30-09 2005
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
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विद्यालय में प्रथम दिवस का प्रवेश ही मेरे अंदर बहुत कुछ करने का जज्बा पैदा कर गया।स्कूल, बच्चे, अभिभावकों के साथ काम करने का निर्णय मैने ले लिया था। सर्वप्रथम विद्यालय में नियमित उपस्थिति के लिए अभिभावकों से संपर्क किया गया उनके फोन न. रखे गए विद्यालय में गतिविधि आधारित शिक्षण के लिए कविता, कहानी,टीएलएम नाटक,खेल द्वारा विषय वस्तु को सरलता से बच्चो को सीखाने का प्रयास किया गया जिससे बच्चे ने सीखा भी और उनकी उपस्थिति भी नियमित हुए एवम् छात्र नामांकन में भी वृद्धि हुई ।
विद्यालय के नवनिर्मित भवन की दीवारों को हिंदी, इंग्लिश, गणित,सा. ज्ञान की विषय वस्तु से पेंटिंग कर बाला विद्यालय का रूप दिया गया जिससे बच्चो को सीखने के ज्यादा से ज्यादा अवसर प्राप्त हो सके इसका प्रभाव छात्रों में देखा भी गया।
विद्यालय में वर्ष 2010 से पुस्तकालय बनाया गया जिसका संचालन छात्र स्वयं करते हैं पुस्तकालय द्वारा बच्चो में पढने की आदत के साथ-साथ धारा प्रवाह पठन के कौशल का विकास हुआ है ।
परिसर के आसपास,स्कूल, कक्षा कक्ष की स्वच्छता हेतु विद्यालय में जैविक,अजैविक कूडादान बनाया गया है बच्चो की शारीरिक स्वच्छता की नियमित जांच की जाती हैं जिसके परिणाम स्वरूप 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय हरीश रावत जी द्वारा जिले में प्रथम स्वच्छता पुरस्कार से विद्यालय को सम्मानित किया गया। एवम् वर्ष 2018 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय दिल्ली द्वारा जिले लेबल का स्वच्छता पुरस्कार विद्यालय को प्राप्त हुआ हैं। वर्ष 2018 में ही महामहिम राज्यपाल गवर्नेस पुरस्कार से मुझे सम्मानित किया गया जो मेरे और मेरे विद्यालय के लिए गौरव की बात है।
समय समय पर *बाल शोध मेले* का आयोजन कर विद्यालय में बच्चो को स्वयं करके सीखने के मौके प्रदान किए गए हैं
नवाचारी कार्यक्रम के तहत छात्रों को पेंटिग, कृतिम फूल निर्माण, परम्परागत ऐपड़, मेहंदी कला, कठपुतली निर्माण, मुखौटे बनाना मेरे द्वारा सिखाया गया जिसका उपयोग छात्र बखूबी कर रहे है।
मिशन शिक्षण संवाद के जरिए आज छात्रों द्वारा प्रतिदिन प्राणायाम को कुशलता से किया, जा रहा हैं ।एवम् उसके लाभो को जान व समझ रहे हैं। प्रतिदिन श्यामप्ट्ट कार्य से प्रतियोगिता की तैयारी , अंग्रेजी व्याकरण की जब समझ, सामान्य ज्ञान बच्चे बखूबी कर व सीख रहे हैं।
मेरी दिली तमन्ना और प्रयास हैं कि मेरे स्कूल के बच्चे आसमां को छूने की ख्वाहिश रखे इसी मिशन और कोशिश के साथ प्रयासरत हूं।
*प्रेरक सन्देश* होती जहाँ चाह, मिल जाती वहाँ राह।
_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद उत्तराखंड*
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