३१७~ कविता सिंह (प्रधानाध्यापिका) प्रा०वि० बिनौली नंबर -1, वि०क्षे०- बिनौली, जनपद-बागपत

🏅अनमोल रत्न🏅

मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- बागपत से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न बहन कविता सिंह जी से करा रहे हैं। जिन्होंने "हम शिक्षक है शिक्षा की तस्वीर बदल देंगे" की सकारात्मक सोच की शक्ति एवं समर्पित व्यवहार कुशलता से न सिर्फ विद्यालय परिवार को टीम रूप में संगठित किया, बल्कि सम्पूर्ण समाज में विद्यालय को विश्वास के रूप में स्थापित किया। जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है।

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-

https://www.facebook.com/1598220847122173/posts/2315202435424007/

-:सकारात्मक सोच का सफर:-

हम शिक्षक है, हम शिक्षा की तस्वीर बदल देगें।
भारत के नन्हें मुन्हों की तकदीर बदल देगें।।
हम ही विश्वामित्र बने और हम ही गुरु वशिष्ठ बनें।
हम ही गार्गी अनसुईया और हम ही तो चाणक्य बनें।।
हम भी किसी से कम तो नहीं इतिहास बदल देगें।
भारत के नन्हें मुन्हों की तकदीर बदल देगें।।
भारत माता देख रही है आशा भरी निगाहों से।
क्यों कटता है बचपन इनका अन्धकार की राहों में।।
जला ज्ञान का दीप अन्धेरी रात बदल देगें।
हम शिक्षक है हम शिक्षा की तस्वीर बदल देगें।।
सोंप दिया है सबने भारत अपने इन्हीं हाथों में।
श्रद्धा और विश्वास दिया है सबने इन्हीं हाथों में।।
बचा लाज विश्वास की संसार बदल देगें।
हम शिक्षक है हम शिक्षा की तस्वीर बदल देगें।।
भारत के नन्हें मुन्हों की तकदीर बदल देगें।।

कविता सिंह (प्रधानाध्यापिका)
प्रा०वि० बिनौली नंबर -1, वि०क्षे०- बिनौली, जनपद-बागपत

मैंने उपरोक्त कविता को ही अपने जीवन का आधार मानकर अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। जब विद्यालय में मेरी नियुक्ति 18-10-2016 में प्रधानाध्यापिका के पद पर हुई थी तो विद्यालय का भवन व वातावरण अस्त- व्यस्त तथा नीरस था। विद्यालय परिसर व बच्चों की स्थिति संतोष जनक नहीं थी। मेरे विद्यालय में बालक और बालिकायें पढ़ते हैं। बारिश के मौसम में पूरा विद्यालय पानी से भर जाता था बच्चों के बैठने के लिए भी स्थान नहीं बचता था। विद्यालय में बिजली, पानी, फर्नीचर आदि की व्यवस्था नहीं थी। गाँव वालों की नजर में सरकारी विद्यालय की नकारात्मक छवि और सोच थी कि सरकारी विद्यालय में तो पढ़ाई ही नहीं होती है। मैंने विद्यालय की सभी समस्याओं को भली भाँति समझने के बाद उस पर कार्य करना शुरू कर दिया। इसके बाद विद्यालय का विश्वास नामांकन के रूप में निम्नवत बढ़ा-

👉 विद्यालय में नामांकन
सत्र=2016-17 -172
सत्र=2017-18 -179
सत्र=2018-19 -213
सत्र=2019-20 -240
👉1. नामांकन के उपरांत समस्या थी ठहराव की, इसके लिए मैनें शिक्षक अभिभावकों की बैठकों का आयोजन कर गांव वालों को शिक्षा का महत्व बताया। जिसके फलस्वरूप धीरे - धीरे सकारात्मक परिणाम मिलने प्रारंभ हो गये।
👉2. सबसे पहले मैंने स्वयं के खर्च से विद्यालय भवन की टूट - फूट मरम्मत एवं छत की मरम्मत अन्दर- बाहर से टूटा हुआ फर्श, चाहर दीवारी का प्लास्टर करवाया एवं विद्यालय के आंगन को सुंदर रूप देने के लिए क्यारियाँ बनवाई।


 
👉3. मेरे विद्यालय में कुल छ: कक्षा-कक्ष हैं जिनमें से एक कक्ष में प्रोजेक्टर स्थापित है, जिसमें बच्चे समय-समय पर प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करते हैं।
👉4. मैंने प्रत्येक कक्षा-कक्ष में व्हाइट एवं ग्रीन बोर्ड, टयूब लाइटों, पंखे आदि को संचालित कराया, विद्यालय में अनुपयोगी वस्तु से सभी कक्षाओं के लिए उपयोगी डस्टबिन बनाये गए।
👉5. मैंने विद्यालय में स्वयं के खर्च से आकर्षित पेन्टिंग बनवाई और बहुत ही सुंदर 🌲🌳वृक्ष लगवाए जिससे विद्यालय का परिसर सभी के मन को मोहने लगा है।

👉6. मैनें स्वयं के खर्च से बच्चों के लिए अलग - अलग प्रतियोगिताएं जैसे- राखी, मेहंदी, दीया , रंगौली, कला🎨🎨✍🎭💕 आदि का आयोजन कराया जाता है जिसमें बच्चे बढ़- चढ़ कर प्रतिभाग करते हैं और 🙋 स्वयं के खर्च से चयनित प्रतिभागियों🙆🙆🙆 को पुरुष्कार देकर उनका मनोबल बढाया।




👉7. मैंने स्वयं के खर्च से बच्चों का स्तर ऊंचा उठाने के लिए होमवर्क डायरी, आई कार्ड, टाई-बेल्ट, भी दिए जिन्हें पहनकर बच्चे बहुत खुश रहते हैं।
👉8. मेरे विद्यालय में बच्चों को नयी- नयी गतिविधियों, खेल - खेल में शिक्षा एवं टी ०एल० एम० की सहायता और प्रोजेक्टर के माध्यम से👉🙌👈 पढाया जा रहा है जिसका परिणाम यह है कि विद्यालय में नामांकन एवं ठहराव बढ़ रहा है।












👉9. जो बच्चे कक्षा में पूरे महीने शत - प्रतिशत उपस्थित रहते हैं उन्हें अभिभावक बैठक बुलाकर स्वयं के खर्च से उपयोगी पुरुष्कार प्रदान करती हूँ, जिससे बच्चों का विद्यालय में ठहराव बढ़ रहा है।
👉10. सत्र 2019-20 में मेरे विद्यालय में ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों के बच्चों ने नामांकन कराया है, मेरे विद्यालय से ग्रामवासी बहुत खुश हैं।
👉11. हमारे विद्यालय में शनिवार के दिन अपने खर्च से बच्चों को👶👶 आर्ट एंड क्राफ्ट का कार्य भी सिखाया जाता है जिससे बच्चे व्यवसायिक शिक्षा🎒🏫📚🎓 से जुडकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
👉12. शनिवार के दिन बच्चे👶👶👶👧👦 बाल सभा में शिक्षा परक कविता सुनाने के साथ - साथ साउंड सिस्टम पर डांस 💃👯‍♂ भी करते हैं जिससे बच्चों की झिझक दूर होती है।
👉13. बच्चों को माइक के द्वारा सामान्य ज्ञान 📖📚📝 के प्रश्नों का अभ्यास कराया जाता है तथा म्यूजिक सिस्टम से ही प्रार्थना🙏🙇 सभा का आयोजन किया जाता है एवं बच्चों को ध्यान⚠ केन्द्रीत करना सिखाया जाता है जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ रहा है, बच्चों को संगीत 🎤🎼🎹🎶 के साथ पी० टी० कराई जाती है।

👉14. हमारे विद्यालय में सभी महापुरुषों की जयंती बडे धूमधाम से मनाई जाती है जिसका बच्चे खुब आनन्द लेते हैं और अच्छे कार्य करने की प्रेरणा लेते हैं।
👉15. हमारे विद्यालय में बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया नाटक "जल बचाओं जीवन बचाओं" राज्य स्तर पर चयनित किया गया है।
👉 16.बच्चों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था ग्राम प्रधान के सहयोग से समरसेबिल टैंक सहित लगवाया गया।
👉17. विद्यालय की चारदीवारी छोटी होने के कारण असामाजिक तत्वों द्वारा विद्यालय में बहुत तोड़ फोड़ की जाती थी जिसके लिए मैंने स्वयं के खर्च से दीवार को ऊंचाई तक कराई और उस पर कांच व कांटेदार तार भी लगवाया, टूटी हुई खिडकियों पर फाइबर की शीटें लगवाई।
👉18. विद्यालय में स्वयं के खर्च से सफाईकर्मी की व्यवस्था की गई।
👉19. ग्राम प्रधान के सहयोग से विद्यालय के मैदान में टाइल्स लगवाई और बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था की गई।
👉20. विद्यालय के कार्यालय को आकर्षक रूप प्रदान किया गया।
👉21. बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास को विकसित करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
👉22. शिक्षा 🎒🏫📚🎓 के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री राजीव रंजन मिश्र जी, डायट प्राचार्य जी, केन्द्रीय मंत्री डॉ सत्यपाल सिंह जी, ऐंटीकरप्शन फाउंडेशन करनाल (हरियाणा) ने नेशनल ग्रेट आइकॉन अवार्ड से सम्मानित किया गया।






इन सभी प्रयासों का एक सकारात्मक🔰➕ परिणाम मिला कि जिस सरकारी स्कूल 🏫 में ग्रामवासी अपने बच्चों को👶👶 को पढ़ाना नहीं चाहते थे अब ग्रामवासी प्राईवेट स्कूलों से अपने बच्चों के नाम निरस्त कराकर हमारे विद्यालय में नामांकन करा रहे हैं। पिछले सत्र 2017-18 में सरकार द्वारा हमारे विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम का दर्जा दे दिया था। हमारे विद्यालय के बच्चे👶👶👶👧👦 दिन प्रतिदिन हर प्रकार से उन्नति की और अग्रसर हो रहे हैं। हमारा विद्यालय सभी की नजरों में एक आदर्श विद्यालय के रूप में अपनी पहचान बना रहा है ।
मैं विद्यालय को इस शिखर तक ले जाने के लिए अपने विद्यालय स्टाफ श्रीमती रेनू पंवार स० अध्यापिका, श्री विनय कुमार स० अ० जिनके साथ हमने एक परिवार👨👦👧👩👴👵 की तरह मिलकर कार्य किया और निरन्तर प्रगति के पथ पर चले जिसमें हमारे ग्राम प्रधान श्री संजय कुमार जी का पूर्ण रूप से सहयोग प्राप्त हुआ जिनका हमारा विद्यालय स्टाफ हमेशा आभारी🙇🙌 रहेगा।
इसी संकल्प, पूर्ण निष्ठा भाव एवं ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन तन मन धन से करते रहेगें।
🙏🙏धन्यवाद🙏🙏

Smt कविता सिंह
प्रधानाध्यापिका
प्राथमिक विद्यालय बिनौली नंबर 1
विकास क्षेत्र बिनौली
जनपद बागपत

संकलनकर्ता: अनुज कुमार नेहरा
मिशन शिक्षण संवाद बागपत

नोट: आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और 7017626809, ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

टीम मिशन शिक्षण संवाद
19-04-2019

Comments

Total Pageviews