विपिन चन्द्र पाल

भारतीय आंदोलन के प्रतिष्ठित 

नेता के रूप में जाने जाते और 

बंगाल पुनर्जागरण के मुख्य 

वास्तुकार आप माने जाते।।


7 नवंबर, 1858 बांग्लादेश के 

संपन्न हिंदू परिवार में जन्म पाया 

विपिन चंद्र पाल ने राष्ट्रभक्त 

उत्कृष्ट वक्ता, लेखक का फर्ज निभाया।।


अंग्रेजों से भारत को मुक्ति दिलाने 

का बीड़ा आपने उठाया था और

लाल, बाल, पाल की तिकड़ी ने

अंग्रेजों को मजा चखाया था।।


स्वाधीनता आंदोलन की रूपरेखा तैयार

करने में मुख्य भूमिका निभाई थी।।

देश प्रेम के भावना आपके मन में

कूट-कूट के समाई थी।।


सामाजिक कुरीतियों का किया 

घोर विरोध आपने।।

विधवा से विवाह कर समाज को

नई राह दिखाई आपने।।


20 मई 1932 में पाल इस दुनिया 

को अलविदा कह गए

अपने महान कार्यों से वह 

देशवासियों के मन में बस गए।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

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