बाल दिवस

14 नवम्बर खुशियों का दिन,

 इस दिन बाल दिवस मनाया जाता।


इसी दिन जन्मे थे चाचा नेहरू।

उनका जन्म दिवस मनाया जाता।


बच्चों से था प्रेम उन्हें,

बच्चों का प्रेम भी पाया था।


बाल दिवस तब चाचा ने,

बड़ी खुशी से मनाया था।


बच्चों के थे प्यारे चाचा,

बच्चों को उपहार दिये।


ख़ुशी से महके बच्चों के मन।

 बाल दिवस पर प्यार मिले।


मगर दुःखी मन होता है,

कुछ बच्चों का जीवन सूना है।


नहीं खिलौने नहीं किताबें,

रहने को नहीं ठिकाना है।


ढूँढ रहे कूड़े में भोजन,

उन्हें पेट की आग बुझाना है।


बाल दिवस पर मजदूरी,

मन को बड़ा दुखाती है।


शिक्षा का अधिकार मिले,

तब यही बात चिढ़ाती है।


बाल दिवस पर सबको ही,

खुशियों का उपहार मिले।


मजदूरी न मिले किसी को,

मिले तो बस सभी को प्यार मिले।


रचनाकार

दीपमाला शाक्य दीप,
शिक्षामित्र,
प्राथमिक विद्यालय कल्यानपुर,
विकास खण्ड-छिबरामऊ,
जनपद-कन्नौज।



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