बाल दिवस

नन्हें-नन्हें बच्चे प्यारे

जब-जब मुस्कुराते हैं

मोह लेते सभी के मन को

जब सामने आते हैं।।


मन बोझिल हो कितना भी

इनकी छवि सुन्दर लगती है

दूर हो जाती सारी उलझन

और मन की बगिया महकती है।।


घर परिवार इनसे ही सुन्दर

बच्चे घर में रोशनी भरते हैं।

बच्चे बन जाते आँखों के तारे

जब तोतली आवाज में बात करते हैं।।


बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर

उन्हें संस्कारवान बनाएँ

देश का भविष्य इनसे ही उज्ज्वल

चलो हम मिलकर बाल दिवस मनाएँ।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।



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