झलकारी बाई

रानी लक्ष्मी बाई की सेना में जो

महिला दल में शामिल थीं

झलकारी बाई नाम उनका

जो शौर्य पराक्रम की निशानी थीं


अपने अदम्य साहस के बल पर

अंग्रेजों का संहार किया

रानी लक्ष्मीबाई का साथ देकर

शौर्य और वीरता का परिचय दिया।।


रणभूमि में अंग्रेजों को

धूल चटाई थी जिसने

पग-पग पर रानी का साथ देकर

झाँसी के लिए तलवार उठाई जिसने।।


हार न मानी अंग्रेजों से और

कई हमलों को विफल किया

जीवन के अंतिम क्षण तक

झलकारी बाई ने संघर्ष किया।।


रणभूमि में लड़ते हुए 

वीरगति को प्राप्त हुईं

शक्ति का प्रतीक झलकारी बाई

देश प्रेम के लिए अमर हुईं।।


बुंदेलखंड के लोक कथाओं में

सुनी जा सकती है उनकी वीरगाथा

इतिहास के पन्नों पर सदा के लिए

अमर हो गई उनकी वीरगाथा।।


रचनाकार

मृदुला वर्मा,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,

विकास खण्ड-अमरौधा,

जनपद-कानपुर देहात।

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