गोवर्धन पूजा

कार्तिक मास शुक्ल पक्ष (प्रतिपदा) है गोवर्धन पूजा का दिन,

गोवर्धन पर्वत व भगवान कृष्ण को समर्पित यह दिन होता है।

आज के दिन घर में नई फसल का भोग (अन्नकूट) बनाकर,

भगवान कृष्ण को भोग के रूप में समर्पित किया जाता है।।


घरों में हमारे गोवर्धन पर्वत, गाय, बछड़ों की आकृति बनाकर,

श्रद्धा भाव व विधि-विधान से पूजन उनका किया जाता है।

है मान्यता इंद्र देव के प्रकोप से गोवर्धन पर्वत ने बचाया था,

कर पूजा गिरिराज की कृतज्ञता का भाव दिखाया जाता है।।


गोवर्धन पर्वत की पूजा का है प्रचलन कृष्ण के द्वापर युग से,

हैं पालनहार गिरिराज पर्वत, गायों जानवरों को चारा मिलता है।

गाय, बछड़े हैं हमारी सभ्यता के साथी बहुत खास पुराने,

दूध, दही, घी देती हैं गाय, गौमाता कहकर बुलाया जाता है।।


रचयिता

शालिनी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय बनी, 

विकास खण्ड-अलीगंज,

जनपद-एटा।

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