ज़िद्दी बालक कोरोना

ये   ज़िद्दी   बालक   कोरोना,
समझे  बात  किसी  की  भी  ना।
चिढ़ा-चिढ़ाकर  भाग  रहा  है,
पिट कर  थोड़ा  हाँफ  रहा  है,
लूट-खसोट  सी  करता  जाता,
सबका जीवन चट कर जाता।।
वैज्ञानिक खोजों  का प्रतिफल,
तड़पाता  मानव  को  हरपल।।
पर चिंता की  बात नहीं,
चाहे  भारत बाप नहीं।।
इसके  कान  मरोड़ेगा,
गुरूर  चीन  का  तोड़ेगा।
कर दी जिसने कार गुजारी
फैला दी वैश्विक महामारी।।
चीन होश में आ जाओ अब भी
 गर  जो  तन गई भृकुटी सबकी।
नेस्तनाबूत    हो     जाओगे
खुद   ही   मुँह  की   खाओगे।।

रचयिता
प्रार्थना मिश्रा,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय नगला हरिकेशी,
विकास खण्ड-खंदौली,
जनपद-आगरा।

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