महिला सशक्तीकरण 205, शांति वर्मा, जौनपुर

*👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-205*

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*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
(दिनाँक- 27 मार्च 2020)
नाम:- शान्ति वर्मा
पद:- सहायक अध्यापक
विद्यालय:- प्राथमिक विद्यालय रामपुर खास, मड़ियाहूं, जौनपुर

*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
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प्रथम नियुक्ति:- 02/07/2009
वर्तमान नियुक्ति :-01/10/2012 2012 में नामांकित बच्चे-75
2019 में नामांकित बच्चे:- 93
नियुक्ति से पहले भी मैं पढ़ाती थी।
समस्याएं:- जब मैं अन्तर्जनपदीय तबादले में अपने जिले में आई तो मुझे सबसे अधिक खुशी इस बात की हुई कि मुझे विद्यालय तहसील से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर ही मिल गया।जब तीन सौ किलोमीटर की दूरी तीन किलोमीटर में बदल जाय तो खुशी की बात तो होंगी। जब मैं पहले दिन विद्यालय पहुंची तो वहां की व्यवस्था देखकर बहुत अजीब सा लगा क्योंकि वहां अध्यापक के नाम पर सिर्फ शि.मि.और एक प्रधानाध्यापक जो किN.P.R.C.भी थे और मई में रिटायर भी होने वाले थे।अब समस्या और भी मुश्किल,क्योंकि मुझे चार्ज लेकर नही स.अ.रहकर ही शिक्षण कार्य कराना था।हमारा विद्यालय बस्ती के बीचों-बीच था। यहां एक ग्रामसभा में दो विद्यालय बने हुए थे। विद्यालय में न तो चहारदीवारी था और न ही विद्यालय का मैदान समतल। गांव में अन्यत्र जगह न होने के कारण गांव का सारा गन्दा पानी और कचड़ा विद्यालय परिसर के ही गड्डे गिराया जाता था। बच्चों में साफ-सफाई की भी बहुत कमी थी। बारिश के दिनों में रसोईघर तक पानी ही पानी हो जाने के कारण बहुत दिक्कत होना। ना चाहते हुए भी मुझे कुछ महीनों के लिए मुझे चार्ज लेना पड़ा था।
विद्यालय की समस्याओं का समाधान:-
1-हमारे विद्यालय में अब अध्यापक पांच की संख्या में है।
2-हर छोटे-बड़े कार्य में सबका पूर्ण सहयोग रहता है।
3-हर छोटे-बड़े कार्य पर बच्चों को पुरस्कृत करना।
4-विद्यालय के फंड से मिट्टी गिरवाकर रसोईघर तक जाने के लिए रास्ता बनाया जाना।
5-बच्चों को चित्रकला, रंगोली, पेपरक्राफ्टऔर बेकार पड़े वस्तुओं से सजावट के सामान बनवाना।
6-बच्चों में गीत-संगीत और कविता के माध्यम से क्रिया-कलाप करवाना।
7-बच्चों में खेल-कूद आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाना।
8-कक्षा-कक्ष में T.L.M.का प्रयोग कराना।
9-कक्षा 5 के बच्चों का विदाई समारोह करवाना और उन्हें उपहार दिया जाना।
10-विभिन्न जन्म दिवसों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाना।11-रेगुलर न आने वाले बच्चे अभिभावक सम्पर्क से सब आने लगे।
12-विद्यालय को रेड टेप मुवमेन्ट से जोड़ना।
13-बच्चे सीखते बहुत जल्दी है बार-बार उन्हें साफ-सफाई के बारे में जानकारी देने से अब वे बहुत अच्छे से विद्यालय आते हैं।
14-सबसे अच्छी बात यह है कि अब हमारा विद्यालय गड्डा मुक्त एवं कचडा़ मुक्त हो गया है।
15-विद्यालय में चहारदीवारी का निर्माण भी हो गया है।
16-कायाकल्प के अन्तर्गत प्रत्येक कक्षा-कक्ष में टाइल्स और ग्रीन बोर्ड को लगाया जाना।
17-हम शिक्षक भी हमेशा अपने बच्चों से कुछ अलग और नया सीखते ही रहते है। क्योंकि सिखाना एक ऐसी प्रक्रिया है जो कभी खत्म ही नही होती।
18-शिक्षक समाज के लिए सन्देश-कहते है कि,लुढ़कते पत्थर पर कभी काई नही लगती, हमें यह जीवन एक बार मिला है कर्मों न हम सब कुछ अच्छा करें। मुझे हरिवंशराय बच्चन जी की यह कविता बहुत अच्छी भी लगती है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करती है-लहरों से डरकर नौका कभी पार नही होती कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती।अंत में मैं मिशन शिक्षण संवाद का भी धन्यवाद करती हूं जो शिक्षक के हर छोटे-बडे़ कार्यों की सराहना करता है और उसे सम्पादित करता है।
_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*

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