तुम तो भारतवासी हो

तुम तो भारतवासी हो,
फिर क्यों तुम घबराते हो?
पवन सी इस धरा पर,
क्यूँ तुम यू कपकँपाते हो?
कोई भी आपदा हो,
सामना हमने किया है
फिर इस करोना ने
इतना डर क्यूँ दिया है?
यज्ञों की आहुति में,
इसको भस्म हम कर देंगे।
गंगाजल की निर्मलता से,
इसको नष्ट हम कर देंगे।
अपनी सभ्यता यही रही है,
हाथ जोड़ के नमन करें।
हाथ मिलाने की हम
क्यूँ विदेशी नक़ल करें।
घबराओ नहीं तुम
बिलकुल भी यह न होने पाएगा।
करोना हो या कोई भी,
भारत  का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।
                       
रचयिता
उपमा शर्मा,
सहायक अध्यापिका, 
कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय लिलौन, 
विकास खण्ड-शामली,
जनपद-शामली।

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