चलो स्कूल चलें

सबसे सुंदर, सबसे प्यारा,
सजा हुआ, स्कूल हमारा।

रंग - बिरंगे फूल खिले  हैं,
इसकी सुंदर बगिया में।
भंवरे, तितली, पक्षी आते,
इसकी सुंदर बगिया में।

सुंदर-सुंदर चित्र बने हैं,
इसकी सब दीवारों में।
खेल - खिलौने, खूब मजे हैं,
जैसे हों त्योहारों में।

खेल, कहानी, कविता से,
सीखें, नित - नव बात यहाँ।
सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना,
आनंदम स्कूल यहाँ।

नित्य सफ़ाई, भोजन करना।
पढ़ना, लिखना हम सीखें।
जीवन सुंदर, सब कुछ सुंदर,
मिलना-जुलना हम सीखें।

पास-पड़ोसी, रिश्ते-नाते,
पेड़ - पौधे हम जानें
जीव; जंतु, चिड़िया, तितली
सब कुछ अच्छा हम मानें।

सबसे सुंदर सबसे प्यारा,
सजा हुआ स्कूल हमारा।

रचयिता
सन्तोष व्यास,
सहायक अध्यापक,
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय क्यारा दोगी,
विकास खण्ड-नरेंद्रनगर,
जनपद-टेहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।

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