भुला नहीं सकते

कर्जे हैं हम पर इनके,
हम चुका नहीं सकते।
पाला है बड़े प्यार से,
हम भुला नहीं सकते।।

माँ-बाप को सताएगा,
लड़का कोई जब-जब।
लाठी पड़ेगी भगवान की,
उस नीच पर तब-तब।।

उस माँ की लोरियों की,
कीमत नहीं है कोई।
खुशियों में हँसी तेरी,
कष्टों में तेरे लिए रोई।।

चरणों मे इनके जन्नत,
कहते हैं ये सभी।
कायनात हिल जाएगी,
न रुलाना इन्हें कभी।।

रचयिता
अशोक कुमार,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय रामपुर कल्याणगढ़,
विकास खण्ड-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।

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