कोरोना का करो जतन

कोरोना से डरो न तुम
मौत से पहले मरो न तुम।
स्वच्छ रखो घर
स्वच्छ तन मन।
हाथ धोने का करो जतन।
न्यूज सभी t v पर सुन लो
न्यूज पेपर कुछ दिन बन्द कर दो।
परिवार संग जी लो जीवन
जन सम्पर्क कर लो कम।
सामाजिकता यूँ जारी रखना
ऑनलाइन सम्पर्क बनाये रखना।
सात्विक सब भोजन करना
तामसी भोजन तुम तज देना ।
भीड़ भाड़ से रहना दूर
भूलकर भी न जाना टूर।
जहाँ तुमसे न धुल पाएँ हाथ
सेनेटाइजर हरदम हो साथ।
अगर किसी को दो हौसला
एक मीटर का रखो फासला।
सुबह उठ दीर्घ श्वांस भर
ईष्टदेव का स्मरण करना।
नित कर्मों से निवृत हो
प्राणायाम फिर नित करना।
परिवार संग बैठ करना बातें सत
पार्टी, पिक्चर की सोचना मत।
बोर अगर हों घर बैठे तो
अलमारी से पुस्तक निकालना झट।
पढ़कर ज्ञान बढ़ेगा अपना
पुस्तक से मुँह मोड़ना मत।
नसीहत इतनी देता कोरोना
विषाणु है या शिक्षक कोरोना?
आध्यात्म की ओर बढ़ता इंसान
बेबस खड़ा दूर विज्ञान।

रचयिता
अनीता ध्यानी (अनि),
प्राथमिक विद्यालय देवराना,
विकास खण्ड-यमकेश्वर,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।

Comments

  1. मिशन शिक्षण की पूरी टीम का हार्दिक आभार ।मेरी कविता को विचार शक्ति में स्थान देने के लिए।

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