स्वच्छता का गुणगान

हमें स्वच्छता का गुणगान गाना है
प्रत्येक व्यक्ति को प्रेम से समझाना है
बुजुर्गों, बच्चों को विशेष रूप से समझाना है
अपने आप संकल्प ठाना है
हमें स्वच्छता का गुणगान गाना है।।

शहर के कोने-कोने से कूड़ा करकट झाड़ू से भगाना  है
हमें हरे भरे पेड़ पौधे अपनी पृथ्वी पर सजाना है
रंग बिरंगे फूलों से अपना देश दुल्हन की तरह सजाना है
 हमें स्वच्छता का गुणगान गाना है।।

 यह संकल्प उठाना है प्रदूषण मिटाना है
 बिन पिए सिगरेट पी जाता
 हर व्यक्ति की साँस में जाता जहरीला धुआँ
इसको पेड़-पौधे से ऑक्सीजन बनाना है
हमें स्वच्छता का गुणगान गाना है

 हम यह न सोचें हमें अपना घर सजाना है
अपना कर्तव्य तो देश को सजाना है
 गंदगी ने तो दी बीमारी हमें
 स्वच्छता का हाथ पकड़कर
देश को निरोग हमें बनाना है
स्वच्छता का गुणगान गाना है

 गली मोहल्ला जागरूक करना
 विशेष अभियान चलाना है
स्लोगन द्वारा लिखकर
 हर व्यक्ति को समझाना है
जगह-जगह पर कूड़ेदान लगाना है
 कठपुतली, लघु नाटक, स्वच्छता का गीत सुनाना है
हमें स्वच्छता का गुणगान गाना है

रचयिता   
शहाना सैफी,
शिक्षामित्र,
प्राथमिक विद्यालय नंबर 1, 
नगर क्षेत्र-पिलखुआ,
जनपद-हापुड़।

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