प्रदूषण

दीवाली भी  हम  मनाएँगे
पटाखे  भी  हम  चलाएँगे
फिर दो दिन के  बाद  हम
प्रदूषण-प्रदूषण चिल्लाएँगे

सरकार के नियम को तो
हम भी  खूब  झुठलाएँगे
10 बजे के बाद भी हम
पटाखों की लड़ी जलाएँगे

फिर दो दिन के बाद हम
प्रदूषण-प्रदूषण चिल्लाएँगे

रोएँगे अपनों की मौत पर
दूसरे  को   तो   मरवाएँगे
वायु प्रदूषण  करके  हम
एसी   में    घुस   जाएँगे

फिर दो दिन के  बाद  हम
प्रदूषण-प्रदूषण चिल्लाएँगे

वायु प्रदूषण बढ़े तो बढ़े
पटाखे  खूब  चलाएँगे
दियों से मन भरता नहीं
ध्वनि प्रदूषण बढ़ाएँगे

फिर दो दिन के बाद हम
प्रदूषण-प्रदूषण चिल्लाएँगे

चिंगारी झोपड़ी में लग गई तो
गरीब रहने को तरस जाएँगे
लेकिन हम सब तो दीवाली
पटाखों   से    ही   मनाएँगे

फिर दो दिन के बाद हम
 प्रदूषण प्रदूषण चिल्लाएँगे

रचयिता
अनुज पटैरया,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय टिकरिया,
विकास क्षेत्र-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।

Comments

Total Pageviews