५५१~ अनमोल रत्न कंचन यादव (प्र०अ०) प्राथमिक विद्यालय दसौली, क्षेत्र- बख्शी का तालाब, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

 🎖️ #अनमोल_रत्न 🎖️     ‌       

👉1. शिक्षक का परिचय :-
श्रीमती कंचन यादव (प्र०अ०)
प्राथमिक विद्यालय दसौली, क्षेत्र- बख्शी का तालाब, लखनऊ, उत्तर प्रदेश


प्रथम नियुक्ति :- 28-07-1999
वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति :- 02-07-2007
👉2. विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने के प्रयास :-
A- स्वयं के प्रयास :- वर्तमान विद्यालय में जब मेरी नियुक्ति हुई तब यहाँ छात्र नामांकन -268 था लेकिन उपस्थिति प्रतिशत बहुत ही कम था विद्यालय में सिर्फ़ 20 से 25 बच्चा ही स्कूल में उपस्थित होता था वह भी सिर्फ़ लड़के, लड़कियाँ स्कूल आती ही नहीं थी, धीरे- धीरे जब जानकारी की तब पता चला कि दसौली ग्राम सभा लखनऊ की सबसे छोटी ग्राम सभा है और यहॉ बहुत ही कम परिवार रहते हैं और जनसंख्या भी कम है और स्कूल में जो बच्चे नामांकित है वह ज़्यादातर घुमंतु परिवार और भीख मॉगने वालों के बच्चे है जो नामॉकन तो करा जाते है पर स्कूल नहीं आते और स्कूल में चहारदीवारी ना होने के कारण और स्कूल के सामने पान की दुकानें, चाय की दुकाने, इंटीगरल यूनिवर्सिटी के लड़कों का Hostel होने के कारण गॉव वाले अपनी लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते थे, साथ ही कुछ बच्चों का नाम प्राइवेट स्कूलों में भी लिखा था और स्कूल का भौतिक परिवेश भी बहुत ख़राब था। साथ ही 90% अभिभावक बिल्कुल निरक्षर जिनको स्कूल पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब नहीं। अब मेरा यह प्रयास था कि मैं अपने स्कूल की सभी कमियों को कैसे दूर करें -
-सर्वप्रथम मैंने अपने विद्यालय के स्टाफ़ के साथ समस्याओं पर चर्चा की लेकिन मुझे सकारात्मक सहयोग नहीं मिला। क्योंकि मेरा पद प्राध्यापक का था लेकिन मैं सबसे उम्र में  छोटी थी, इसलिए सभी ने मेरे विचार को गम्भीरता से नहीं लिया, लेकिन मैंने अपने मन प्रण कर लिया था कि मैं अपने विद्यालय की व्यवस्था सुधार कर ही रहूँगी, फिर मैं अकेले ही अपने मिशन पर चल पड़ी। मैंने स्कूल के सभी बच्चों की लिस्ट बनाई और सहयोगी शि०मि० को लेकर अपने स्कूल के 5 किलोमीटर के आसपास जितने भी सरकारी और प्राइवेट स्कूल थे सभी के प्र०अ० से बात कर बच्चों के बारे में जानकारी ली। तब पता चला मेरे स्कूल के 100 के ऊपर बच्चे दूसरे स्कूलों में नामांकित है। सभी से लिखित सूचना प्राप्त कर, मैंने अभिभावकों की बैठक बुलाई और उनको सभी बातों से अवगत कराया और उनसे लिखित में सूचना लेकर कि वह अपने बच्चों को कहाँ पढ़ाना चाहते हैं उसकी सूची बनाकर SDI मैम को प्रेषित की और उनकी अनुमति लेकर विद्यालय से नाम ख़ारिज किये और इसी तरह घुमंतु और भीख माँगने वाले बच्चे जो गाँव से चले गये थे, उनका नाम भी विद्यालय से ख़ारिज किया। इस तरह जिस विद्यालय में 268 बच्चों का नामांकन था वहाँ अब वास्तविक नामांकन 100 हो गया। जिसके कारण ग्रामप्रधान जी मुझसे बहुत नाराज़ हो गये और मेरे विरुद्ध फ़र्ज़ी शिकायतें ऊपर तक करवाने लगे, लेकिन मैंने जो कार्य किया वह नियमानुसार किया और विभाग ने भी मेरा साथ दिया। इसके बाद उपस्थिति प्रतिशत बढ़ाने के लिए घर-घर अभिभावकों से सम्पर्क किया और कारण पता करने की कोशिश की, उनको पढ़ाई के महत्व और सरकारी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी और अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि आप अपनी बेटियों को स्कूल भेजिए, उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी मेरी होगी। वह लोग मेरे विश्वास पर अपने बच्चों को प्रतिदिन स्कूल भेजने लगे। गाँव वालों के सहयोग से मैंने स्कूल के सामने से दुकानों को हटवाया और यूनिवर्सिटी के लड़कों को स्कूल के आस-पास सिगरेट पीने और खड़े होने से रोका। स्कूल के भौतिक परिवेश को शिक्षकों के सहयोग से सुधारने की कोशिश शुरू की। वर्तमान में मेरे स्कूल का भौतिक परिवेश प्राइवेट स्कूल को मात देता है और विद्यालय का वातावरण और सुविधाएँ शिक्षण के अनुकूल है ताकि बच्चे और शिक्षक मिलकर यहाँ नित नई गतिविधियों और नवाचारों का प्रयोग कर शिक्षण कार्य को सरल सुगम और रुचिकर बना सके, जिसके फलस्वरूप छात्र विद्यालय में ठहरने लगे, पढ़ाई में रुचि रखने लगे। इससे उपस्थिति का प्रतिशत भी बढ़ने लगा। और अभिभावकों की सहभागिता भी विद्यालय में नित नये कार्यक्रमों का आयोजन होने लगा जैसे विभिन्न प्रतियोगिताओं की तैयारी, प्रतिभागिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल-कूद प्रतियोगिता समय-समय पर अच्छे कार्यों के लिए बच्चों को पुरस्कृत करना, बच्चों का जन्मदिन मनाना, महिला दिवस मनाना, माताओं के विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करना, उनको पुरस्कृत करना उनको अपने विचार व्यक्त करने का मौक़ा देना, उनको समय-समय पर स्कूल में आमंत्रित कर सरकारी योजनाओं की जानकारी देना, जिससे उनका स्कूल के प्रति जुड़ाव हो गया है और वह स्कूल को अपना समझने लगी है अब स्थिति ऐसी है जो अभिभावक कभी स्कूल आना नहीं चाहते थे, अब एक बुलावे पर स्कूल में उपस्थित हो जाते और स्कूल के सभी कार्यों में सहयोग करते हैं वर्तमान समय में मेरा विद्यालय ब्लाक का आदर्श विद्यालय है।











B. अन्य शिक्षकों के सहयोग से :- मेरे विद्यालय में सभी शिक्षक मिलजुल कर कार्य करते है और सभी का सहयोग करते हैं। विद्यालय में समय से आना जाना, विद्यालय में प्रतिदिन होने वाले कार्य प्रार्थना, योगा, स्वच्छता की जाँच, पी०टी०, सामान्य ज्ञान, वृक्षारोपण विद्यालय की साफ़ सफ़ाई करवाना, बच्चों को mdm के समय ध्यान रखना आदि में सभी का सहयोग रहता है।
C. जनप्रतिनिधि द्वारा सहयोग :-जनप्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर बच्चों को स्टेशनरी और पाठ्य सामग्री और खाने का सामान वितरित किया जाता है।
D. शासन के सहयोग से :- समय-समय पर शासन द्वारा विद्यालय को जो भी सहयोग किया जाता है वह बच्चों को प्राप्त करा दिया जाता है॥
👉3. किए गए प्रयास का परिणाम :-
A. प्रयास से पहले नामांकन- 100
प्रयास के बाद नामांकन- 234
B. प्रतियोगिताओं में सफल छात्रों की संख्या- 1 विद्याज्ञान  परीक्षा में सफल
👉 4. विद्यार्थियों की उपलब्धियां :-
A. विद्यालय की कक्षा -4 की बालिका रौनक़ को उत्तर प्रदेश की प्रथम प्रेरक बलिका बनने का प्रशस्ति पत्र माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के हाथों प्राप्त हुआ॥
आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यालय के कक्षा-5 के छात्र करन को ज़िले स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ और मंडल स्तर पर प्रतिभाग किया।
B. विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का विवरण :-
विद्यालय के छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में समय-समय पर प्रतिभाग कराया जाता है जैसे- जवाहर नवोदय परीक्षा, विद्याज्ञान परीक्षा, हिन्दी ओलपियाड, किवज प्रतियोगिता आदि
B. ब्लाक स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता में भी छात्रों ने सफलता प्राप्त की है।






















👉5. विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियाँ :- शिक्षकों द्वारा शिक्षण मे नित नई गतिविधियो तथा नवाचारों का प्रयोग किया जाता है। मैं और मेरी स०अ० ICT का प्रयोग कर पुस्तकों की कविता का स्वयं गायन कर वीडियो बना कर शिक्षण कार्य करती है साथ ही दूसरे शिक्षकों के विषय में इसको जोड़ कर शिक्षण मे सहायता भी करती हूँ।  सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद की गतिविधियों का भी आयोजन समय-समय पर किया जाता है और इन कार्यक्रमों में अभिभावकों की भी सहभागिता रहती हैं।
👉6. शिक्षकों और विद्यालय की उपलब्धियाँ :-
A. शिक्षकों के विभिन्न सम्मानों एवं पुरस्कारों का विवरण :- ब्लाक स्तर एवं जिला स्तर पर मुझे उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया है।साथ ही महिला दिवस पर SDM bkt द्वारा महिला शक्ति के रूप में सम्मानित किया गया।
मेरे लिये विशेष उपलब्धि यह रही कि शिक्षा महानिदेशक श्री विजय किरन आनंद जी द्वारा प्रेरणा लक्ष्य के मेरे द्वारा बनाये गये बच्चों के कटआउट को विशेष महत्व दिया और पसंद किया और मैसेज भेज कर मेरे कार्य की प्रशंसा की और पूरे उत्तर प्रदेश में इस मैसेज को फॉरवर्ड किया।
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02X7P2Fme3VTC2JkKisQEjQ4mqCcqWUEYmXnbxBqveyAzUjuXwwFpAGnaVJq311rxwl&id=100069042482506

👉7. मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश :-
मिशन शिक्षण संवाद शिक्षकों और बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी प्लेटफार्म है जहाँ शिक्षकों को भी समय-समय पर अपने ज्ञान को विकसित करने में मदद मिलती हैं साथ ही प्रतिदिन का श्यामपट्ट कार्य बच्चों में सामान्य ज्ञान को बढ़ाने में बहुत मदद करता है और बच्चे इस कार्य को करने में बहुत उत्साह दिखाते हैं और तकनीकी विकास में बहुत मदद मिलती है, साथ ही बच्चों के लिए भी बहुत अधिक मात्रा में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कांस्टेंट शेयर किए जाते हैं, जो बहुत ही उपयोगी है।
👉8. शिक्षक समाज के लिए संदेश :-सभी शिक्षकों को अपने कार्य के प्रति ईमानदार और निष्ठा वान होना चाहिए, क्योंकि शिक्षक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।             
क्योंकि शिक्षक ही समाज के शिल्पकार और मार्गदर्शक होते हैं
👉9. संकलन एवं सहयोग :-
फ़हीम बेग
टीम मिशन शिक्षण संवाद लखनऊ

साभार :- 🙏🙏🙏
कंचन यादव  प्र०अ०
प्राथमिक विद्यालय दसौली
बी०के०टी०, लखनऊ

नोट : यदि आपने और आपके किसी परिचित शिक्षक साथी ने अपने स्वयं के प्रयासों, समर्पण और संवेदनशीलता से शिक्षा के उत्थान, शिक्षक के सम्मान और मानवता के कल्याण के लिए कुछ प्रेरक एवं अनुकरणीय कार्य किए हैं तो आपसी सीखने- सिखाने एवं शिक्षकों के सम्मान और स्वाभिमान के लिए समाज में बनी हुई नकारात्मकता को नष्ट कर, सकारात्मक संदेश देने के लिए अपने कार्यों का विवरण एवं उसे प्रमाणित करती हुई फोटो को मिशन शिक्षण संवाद परिवार के वाट्सअप नम्बर- 9458278429 पर भेजते रहें, सीखते रहें और सिखाते रहें।
बहुत-बहुत धन्यवाद!
हार्दिक शुभकामनाएँ!
23-08-2022

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