विश्व फोटोग्राफी दिवस
शादी, पार्टी या हो बचपन का एहसास,
खूबसूरत पलों को सहेजें, तस्वीर आस।
तस्वीरों में कैद होते, हर यादगार लम्हे,
मुस्कान सजाये, लबों पर फोटो खास।।
दुष्कर, दूलह, दुर्लभ हो चाहे परिवेश
फोटोग्राफर हुनर दिखाये, हर वेश।
बटन दबाकर, हर लम्हा फ्रीज़ करता,
हर्ष, विषाद करुण, अनुपम गणवेश।।
जिन्दगी की खूबसूरत पलों की है साथी,
तस्वीर दुख में मित्र बन, ढांढस है बँधाती।
क्रांति लाती हैं, कितने ही ये मौन तस्वीरें,
जीवन को नई, राह-ए-उत्साह दिखाती।।
9 जनवरी 1839 को पहली फोटो शूट हुई,
इस प्रक्रिया को, 'डाॅगोरोटाइप' नाम दिया गया।
जोसेफ नाइसफोर और लूईस डाॅगरे आविष्कारक थे,
19 अगस्त 1839 को, फ्रांस में ऐलान किया गया।।
उसी दिन के याद में फोटोग्राफी दिवस मनाते हैं
अधिकारिक शुरूआत वर्ष 2010 को बताते हैं ।
दुनियाभर में फोटोग्राफी के प्रचार-प्रसार को,
19 अगस्त को, ये दिवस धूमधाम से मनाते हैं।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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