भारत रत्न मदर टेरेसा
ऐसा बनो उदाहरण करे ज़माना याद
सदा तुम्हारे सामने और तुम्हारे बाद
हुई ऐसी एक महिला नाम मदर टेरेसा
करे ज़माना याद उदाहरण बनना ऐसा
ममता और दया की थी वो अद्भुत मूरत
दिखती थी उनमें सबको भगवान की सूरत
कूट-कूट कर भरा हुआ था उनमें सेवा-भाव
त्याग की उस देवी का था सब पर प्रभाव
पद्म श्री के संग-संग पाया शांति नोबेल पुरस्कार
भारत रत्न मदर टेरेसा करती थी सब पर उपकार
दीन हीन, दुर्बल असहाय ने जब भी उन्हें पुकारा
तन, मन, धन से पल भर में बन जाती थी वो सहारा
26 अगस्त उनका जन्मदिन आओ शीश झुकाएँ
निःस्वार्थ भाव से दुर्बल की हम भी सेवा कर जाएँ
बनें न कारण कभी किसी को करने में बर्बाद
आओ करें कुछ अच्छा ताकि करे ज़माना याद
रचयिता
पारुल चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हरचंदपुर,
विकास क्षेत्र-खेकड़ा,
जनपद-बागपत।
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